हेरहंज. थाना क्षेत्र के इनातु गांव निवासी गुलमा भुइयां (30 वर्ष) ने पैसे के अभाव में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. घटना बुधवार दोपहर की बतायी जाती है. मृतक की पत्नी मनीता देवी ने बताया कि वे लोग अन्य राज्य में जाकर किसी तरह पैसे कमाते थे. हमारे पास एक पुराना घर है, जिसमें चार भाइयों का परिवार बड़ी मुश्किल से रहता है. यह घर भी रहने लायक नहीं है. अब तक हमें प्रधानमंत्री व अबुआ आवास का लाभ नहीं मिला. घर की कमी के कारण वह अक्सर अपने पति को घर बनाने की बात कहती थी. इस कारण मेरे पति ने पहनाही नामक स्थान में एक झोपड़ीनुमा घर बनाया था. हमलोग वहीं रहते थे. बुधवार की सुबह बारिश होने पर झोपड़ी में पानी चुने लगा. मैंने उनसे कहा कि पानी में कैसे खाना बनेगा. इसी बात को लेकर हम दोनों के बीच तू-तू मैं-मैं हुई थी. इसके बाद वे नदी जाने की बात कहकर निकल गये. दोपहर बाद तक जब घर वापस नहीं लौटे तो नदी की ओर जाकर हमलोगों ने उनकी खोज की. दोमुहान नामक जंगल में उनका शव एक पेड़ से गमछा से बने फंदे के सहारे लटका मिला. ग्रामीणों के साथ मिलकर शव को पेड़ से उतारा. घर लाकर अंतिम संस्कार कर दिया. मनीता ने बताया कि दाह संस्कार के भी पैसे नहीं थे. बताते चले कि मृतक के तीन पुत्र व एक पुत्री है. सभी की उम्र सात वर्ष से कम की है. परिजनों से सरकार से मदद की गुहार लगायी है.
सक्षम को मिल रहा आवास योजना का लाभ
हेरहंज समेत जिले के कई प्रखंड में जरूरतमंदों को आवास योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. सक्षम लोग इसका लाभ उठा रहे हैं. प्रधानमंत्री व अबुआ आवास योजना में जमकर धांधली चल रही है. अबुआ आवास की हालत तो और भी खराब है. इसमें नौकरीपेशा, चार पहिया वाहन मालिक व करोड़ों के घरवालों को इसका लाभ दिया गया है. प्रखंडकर्मी सूची के जिला से चयन होने की बात कहकर पल्ला झाड़ रहे है. अबुआ आवास की सूची में मृतक गुलमा भुइयां की मां नेरपी का नाम है, पर सूची में नाम नीचे होने के कारण उसे इसका लाभ अभी नहीं मिला है.
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