सीतामढ़ी. डुमरा थाना क्षेत्र के मिरचईया गांव में एक नाबालिग लड़की की हत्या करने और आनन-फानन में शव जला देने के मामले को लेकर एक और प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. पहली प्राथमिकी मृतका के पिता ने दर्ज करायी थी. जिसमें गांव के दो लोगों को आरोपित किया गया था. एक आरोपित पर दुष्कर्म करने के बाद शव को जला देने का आरोप लगाया गया था, पर पुलिस के अनुसंधान में मामला कुछ और निकला है. यही वह मामला है, जिसकी प्राथमिकी डुमरा के तत्कालीन थानाध्यक्ष द्वारा दर्ज नहीं की गयी थी. तब मृतका के पिता ने कोर्ट में केस किया था. फिर कोर्ट के आदेश पर प्राथमिकी संभव हुआ था. करीब एक वर्ष तक हुई जांच में हत्या का पुख्ता सबूत नहीं मिलने पर पुलिस एक तरह से इस केस को बंद कर दी थी. इस केस पर आइजी शिवदीप वामनराव लांडे की नजर जाने पर उन्होंने इसके उद्भेदन करने को एक चैलेंज के रूप में लिया था. आइजी के हस्तक्षेप के बाद मामले में चौकाने वाला तथ्य उजागर हुआ था. इधर, दूसरी प्राथमिकी स्थानीय महिला थाना में कार्यरत पुअनि सुचित्रा कुमारी द्वारा दर्ज करायी गयी है. जिसमें मृतका के दादा, दादी समेत गांव के 26 वैसे लोगों को नामजद किया गया है, जो मृतका के दाह संस्कार के बाद मामले की पंचायती में शामिल थे. इन लोगों पर घटना की सही जानकारी नही देने, साक्ष्य छुपाने और गुमराह करने का आरोप है. — दादा ही निकला हत्यारा
पुअनि सुचित्रा कुमारी द्वारा दर्ज करायी गयी प्राथमिकी में राजकुमार राय के पुत्र अशर्फी राय, अशर्फी राय की पत्नी सुनीता देवी, जगदीश राय, ब्रह्मदेव राय के पुत्र प्रमोद राय, छेदी राय, अनिल कुमार, विनय राय के पुत्र राम भगत कुमार, छोटेलाल राय की पुत्री चंचल कुमारी उर्फ चंचला कुमारी, नरेश राय के पुत्र राम पदार्थ कुमार, पूरन राय के पुत्र डॉ दिलीप कुमार, बिरजू राय के पुत्र धीरज कुमार, छोटेलाल राय के पुत्र ललित कुमार, रामधनी राय के पुत्र पूरन राय, पूरन पूरन राय की पत्नी, वीरेंद्र राय के पुत्र कौशल कुमार, जीवछ राय, सुरेश राय के पुत्र विरोधी राय, हरि राय, अशोक राय की पत्नी रूपा देवी, विनय राय की पत्नी गीता देवी, सरपंच पति भोला राय, गौरी शंकर पटेल, बाजितपुर के रवि महतो, लक्ष्मण मुखिया व गोसाईपुर के विजय मोनू कुमार उर्फ मुन्ना को नामजद अभियुक्त बनाया गया है.
— अनुसंधान को गठित थी विशेष टीम
गौरतलब है कि मृतका के पिता के पिता ने डीजीपी को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगायी थी. आइजी ने हाथ में मामला आने पर उन्होंने खुद जांच की थी और सदर एसडीपीओ-1 रामकृष्णा के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया था, जिसमें उक्त घटना छह जून 2023 की है. मामले में गांव के राम पदार्थ कुमार उर्फ मास्टर समेत अन्य को आरोपित किया था. इस जटिल प्रकरण को सुलझाने में सहयोग करने के लिए सूचना देने वाले व्यक्ति को आइजी ने अपने स्तर से 25 हजार रूपये इनाम देने और उनका नाम गुप्त रखने की घोषणा की थी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है