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धान की उन्नत खेती के बारे में किसानों को दी जानकारी

प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत गुलरिया चक गांव में कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा किसानों के बीच उन्नत धान व अरहर की खेती के बारे विस्तार पूर्वक जानकारी दी गयी.

टिकारी. प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत गुलरिया चक गांव में कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा किसानों के बीच उन्नत धान व अरहर की खेती के बारे विस्तार पूर्वक जानकारी दी गयी. भारतीय कृषि अनुसंधान परिसर के निदेशक डाॅ अनूप दास व वैज्ञानिक डॉ राकेश कुमार के तत्वाधान में चलाये जा रहे धान परती भूमि पर्यावरण के लिए कार्यक्रम में धान प्रजाति स्वर्ण-श्रेया व अरहर प्रजाति आइपीए 203 के बारे में बताया गया. कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख डॉ मनोज राय द्वारा किसानों को यह बताया गया कि स्वर्ण श्रेया धान सबसे कम अवधि यानी कि 115 से 120 दिन में उपज होती है. किसानों से हुई वार्ता में यह भी बताया गया कि स्वर्ण श्रेया धान की उपज 40 से 45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होगा. तकनीक पदाधिकारियों का कहना है कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य धान की परति भूमि में कम अवधि की धान का उपज लेकर ऊंची जमीन पर जहां किसान अन्य फसल नहीं उगा पाते हैं, वहां पर अरहर की फसल लगा सकते हैं. बताया जाता है कि 50 एकड़ में धान व 25 एकड़ में अरहर लगाने का लक्ष्य सुनिश्चित किया गया है. संबंधित किसान के खेत से मृदा नमूना भी संग्रह किया गया. किसान वार्ता कार्यक्रम में तकनीक पदाधिकारी राम कुमार मीना, बुद्ध प्रिय मौर्य,मुख्य सहयोगी व किसान आशीष कुमार, रवींद्र यादव, जितेंद्र बिंद, रामलखन सिंह दिनेश चंद्र, जितेंद्र कुमार, राजेश्वर प्रसाद, मनीष कुमार सहित कई किसान शामिल थे.

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