आरा.
27 वर्ष पूर्व हत्या के प्रयास के एक मामले में तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सत्येंद्र सिंह ने गुरुवार को आर्म्स एक्ट में दोषी पाते हुए आरोपित नेकनाम टोला निवासी त्रिभुवन प्रसाद को तीन वर्ष की कारावास व पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई. वहीं, उक्त मामले में आरा-बक्सर के एमएलसी राधा चरण साह, राधाचरण साह के पुत्र कन्हैया प्रसाद, शत्रुघ्न प्रसाद व गोपाल राय को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में आरोपमुक्त करते हुए रिहाई का आदेश दिया. अभियोजन की ओर से लोक अभियोजक नागेश्वर दुबे व एपीपी अजय कुमार ने बहस किया था. एपीपी अजय कुमार ने बताया कि नगर थाना अंतर्गत महाजन टोली के निवासी व बड़हरा विधानसभा क्षेत्र की पूर्व विधायक आशा देवी के पति सुरेंद्र सिंह ने नगर थाना में एक प्राथमिकी दर्ज करायी थी, जिसमें कहा गया था कि 3 मई 1997 को बिहार बंद के दौरान समता पार्टी की ओर से कार्यकर्ताओं को लेकर चौक की ओर जा रहे थे. जेल के सामने जेल रोड पहुंचे, तभी राधा चरण साह समेत अन्य लोग पहुंचकर फायरिंग करने लगे. इस दौरान उन लोगों को चोट भी लगी थी. अभियोजन की ओर से छह गवाहों की गवाही कोर्ट में हुई थी. कोर्ट ने फायरिंग करने का दोषी पाते हुए 27 आर्म्स एक्ट के तहत आरोपित त्रिभुवन प्रसाद को उक्त सजा सुनाई. वहीं कोर्ट से रिहाई का आदेश मिलते ही एमएलसी राधाचरण साह ने कहा कि मुझे न्यायालय पर पूरा भरोसा था एक दिन मुझे न्याय जरूर मिलेगा और आज मिल गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है