मसलिया (दुमका). मसलिया-जामा थाना के सीमावर्ती क्षेत्र तेलियापहाड़ी गांव में एक दिन पहले हुए हादसे में घायल युवक की इलाज के दौरान मौत से आक्रोशित लोगों ने बीच सड़क पर शव रख फिर एक बार रोड जाम कर दिया. परिजन व ग्रामीणों ने बस मालिक से मुआवजे की मांग को लेकर करीब साढ़े पांच घंटे तक साहिबगंज-गोविंदपुर मुख्य पथ को जाम रखा. परिजनों का आरोप है कि युवक की मौत नूरी ट्रेवल्स बस चालक की लापरवाही से हुई है. बेहोश हालात में युवक को दुमका अस्पताल ले जाया गया था .वहां से चिकित्सक ने बेहतर इलाज के लिए रात में रिम्स रेफर कर दिया था. दुमका से रांची ले जाने के क्रम में घायल युवक 40 वर्षीय उकील मुर्मू की मौत हो गयी. मृतक के गांव पुतुलजोर समेत आसपास के आदिवासी गांव के ग्रामीण शव को लेकर सड़क में उतर गये और प्रदर्शन किया. कहा कि जबतक मुआवजा नहीं मिलेगा, जाम नहीं हटेगा. जाम करने का सिलसिला तीसरी जार रहा.
मंगलवार को हुआ था हादसा, बुधवार को मौत
नूरी बस से उकील मुर्मू मंगलवार को दुमका से अपने घर पुतुलजोर जा रहा था. बस के कर्मियों से उनकी कहासुनी हुई थी. कर्मियों की लापरवाही से युवक बस से गिर गया था, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया था. स्थानीय लोगों ने घटनास्थल से बेहोश पड़े युवक को इलाज के लिए एंबुलेंस से पीजेएमसीएच पहुंचाया था, जहां से बेहतर इलाज के लिए रांची ले जाने के क्रम में बीती रात ही उकील मुर्मू की मौत हो गयी. आक्रोशित लोगों ने बीच सड़क पर उकील मूर्मु के शव को रखकर जाम किया. सड़क जाम में दोनों छोर में सैकड़ों छोटे-बड़े वाहन फंसे रहे. यहां तक कि बाइक चालक को भी जाने से रोका जा रहा था. सिर्फ एंबुलेंस जा रही थी. इसकी सूचना पर जामा थाना प्रभारी अजित कुमार पुलिस बल के साथ तुरंत पहुंचे. थाना प्रभारी ने लोगों को काफी देर तक समझाने की कोशिश की. पर वे मानने को तैयार नहीं थे. समय के साथ वहां लोगों की भीड़ बढ़ती जा रही थी. ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ता जा रहा था. भीड़ बेकाबू होती जा रही थी. पुलिस और आक्रोशित लोगों के बीच टकराव होने की नौबत आ चुकी थी. जिला से पुलिस प्रशासन पहुंचे. सीओ सह बीडीओ विवेक किशोर, एसडीपीओ संतोष कुमार, डीएसपी इकुड डुंगडुग, एसडीपीओ सदर विजय कुमार महतो, मसलिया थाना प्रभारी अनिल कुमार टुडू पहुंचे.12 हजार मिलने व मुआवजा दिलाने के आश्वासन के बाद माने परिजन
आक्रोशित ग्रामीणों की भीड़ को बेकाबू होते देख पुलिस प्रशासन की टीम लाठी चार्ज के लिए तैयार थी. हालांकि इस दौरान बातचीत होती रही और साढ़े पांच घंटे की मशक्कत के बाद लोग शव लाने व आवागमन बहाल करने को राजी हुए. परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए तत्काल प्रशासन की ओर से 12 हजार रुपये दिया गया. प्रशासन द्वारा लोगों को आश्वस्त किया गया कि कानूनी प्रक्रिया में भरपूर सहयोग किया जायेगा. सरकारी प्रावधान के मुताबिक जो मुआवजा मिलना है, उसे जल्द से जल्द दिलाया जायेगा. इसके बाद पुलिस उकील मुर्मू के शव को दुमका पोस्टमार्टम के लिए ले जा सकी. इधर, मृतक के पत्नी पार्वती टुडू ने बस परिचालकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने को लेकर थाना प्रभारी जामा को आवेदन सौंपा. कहा कि मेरा पति कुशल मजदूर थे. घर के एकमात्र कमाऊ थे. अपने पीछे पत्नी पार्वती टुडू, पुत्र अमरदेव मुर्मू, बलदेव मुर्मू व पुत्री बिलासी मुर्मू को पीछे छोड़ गये.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है