-अंग्रेजी में लैंग्वेज लैब की शुरुआत करने की है योजना-पीजी विभाग व कॉलेजों के स्टूडेंट्स को मिलेगा लाभ मुजफ्फरपुर. बीआरएबीयू में लैंग्वेज लैब की स्थापना की जाएगी. विवि से इसका प्रस्ताव तैयार किया गया है. फिलहाल अंग्रेजी में ही इसपर कार्य होंगे. बाद में अन्य भाषाओं को भी जोड़ा जाएगा. 40 स्टूडेंट्स के बैठने की क्षमता वाले इस लैब का लाभ सभी पीजी विभागों के स्टूडेंट्स व काॅलेजों में अध्ययनरत छात्र-छात्राएं भी उठा सकेंगे. विशेषकर उन्हें भाषा सीखने में मदद मिलेगी. लैंग्वेज लैब का नैक में भी अहम रोल होता है. छात्र-छात्राओं को भाषा आधारित प्रशिक्षण भी मिले और नैक में विवि को इसपर अंक भी, इसको लेकर यह पहल की गयी है. इसमें 40 कंप्यूटर इंस्टाल किये जाएंगे. रूसा से मिलने वाली अनुदान की राशि से लैब को व्यवस्थित करने की योजना बनायी गयी है. इसका प्रस्ताव तैयार कर कुलपति को स्वीकृति के लिए भेजा गया है. प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के बाद लैब के निर्माण के लिए निविदा की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. अगले दो से तीन महीनों में लैब बनकर तैयार हो जाने की उम्मीद है. क्या है लैंग्वेज लैब : लैंग्वेज लैब (भाषा प्रयोगशाला) निष्क्रिय भाषा कक्षा को सक्रिय बोलने-आधारित शिक्षण वातावरण में बदलने की दिशा में पहल करती है. इससे संबंधित भाषा के शिक्षक को पर्याप्त समय बचाने और अपनी भाषा कक्षाओं को अधिक कुशलता के साथ प्रबंधित करने में मदद मिलती है. छात्रों के लिए भाषा प्रयोगशाला का मतलब यह है कि वे बोलने-आधारित भाषा सीखने की गतिविधियों पर अधिक समय बिता सकते हैं. आम तौर पर भाषा प्रयोगशालाओं का उपयोग करते समय शिक्षक का ध्यान पाठ्य-पुस्तकों और व्याकरण के नियमों के माध्यम से दूसरी भाषा पढ़ाने की जगह ऑडियो-विज़ुअल शिक्षण सहायक सामग्री का उपयोग करने पर केंद्रित होता है. इस लैब में भाषा की समझ विकसित करने के लिए ऑडियो विजुअल माध्यम की मदद ली जाती है.
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