शिवेंद्र कुमार (मेदिनीनगर).
पलामू जिले में संचालित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में कई माह से अनुपस्थित चल रहीं 1487 छात्राओं के नाम पर भी खाद्य सामग्री की खरीद दिखाते हुए हर माह करीब 23 लाख रुपये निकाले गये हैं. वहीं, विभाग द्वारा टेंडर कराये बिना ही खाद्य सामग्री की खरीद की जा रही है. मामला प्रकाश में आने के बाद उपायुक्त शशिरंजन ने संबंधित स्कूलों के वार्डन पर कार्रवाई करने और गबन की राशि वसूलने के लिए उनके वेतन कटौती का आदेश डीइओ को दिया है. साथ ही सभी विद्यालयों में शिक्षकों व छात्राओं की सुबह-शाम बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य करने को कहा है. उपायुक्त ने कहा है कि जिन छात्राओं की उपस्थिति 80% से कम होगी, उन्हें फॉर्म नहीं भरने दिया जायेगा. जिले में संचालित 10 कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में कुल 4,829 छात्राएं नामांकित हैं. इनमें से 3,342 छात्राएं ही नियमित उपस्थित रहती हैं. इसके बावजूद विद्यालयों ने सभी छात्राओं को उपस्थित दिखाते हुए खाद्य सामग्री मद में प्रतिमाह 75 लाख रुपये का खर्च दिखाया है. इसमें अनुपस्थित चल रहीं 1487 छात्राओं के नाम पर प्रति छात्रा 1500 रुपये की दर से हर महीने करीब 23 लाख रुपये का खर्च भी शामिल हैं. विभागीय सूत्रों के अनुसार एक वर्ष में जिले के कस्तूरबा विद्यालयों में खाद्य सामग्री के नाम पर करीब 10 करोड़ रुपये की निकासी की गयी है. वहीं, पिछले 10 वर्षों से बिना विभाग द्वारा टेंडर कराये ही विद्यालयों में हर माह लाखों रुपये की खाद्य सामग्री की खरीद एक ही दुकान से की जा रही है. मामला प्रकाश में आते ही उपायुक्त ने सभी विद्यालयों में खाद्य सामग्री समेत अन्य चीजों की खरीद के लिए टेंडर निकाल दिया है.ऐसे हुआ खुलासा :
शिक्षा विभाग ने जिले के सभी कस्तूरबा विद्यालयों में छात्राओं की उपस्थिति की रिपोर्ट ई-विद्या वाहिनी पर अपलोड करने का निर्देश दिया था. लेकिन, हुसैनाबाद, पांडू, हरिहरगंज, पांकी व सतबरवा स्थित विद्यालयों ने छात्राओं की उपस्थिति अपलोड नहीं की. इस पर विभाग ने जिले से नामांकित छात्राओं की संख्या और उनकी उपस्थित की रिपोर्ट मांगी, जिससे पता चला कि 1487 छात्राएं कई माह से विद्यालय नहीं आ रही हैं.हालात नहीं बदले तो वार्डन की बर्खास्तगी की अनुशंसा करेंगे :
इस संबंध में पलामू के डीइओ दुर्गानंद झा ने कहा कि आदेश के बावजूद जिले के पांच कस्तूरबा विद्यालयों ने छात्राओं की उपस्थिति ई-विद्या वाहिनी पर अपलोड नहीं की. इस कारण तत्काल प्रभाव से इन विद्यालयों के वार्डन का वेतन रोक दिया गया है. इसके बाद भी स्थिति नहीं सुधारी, तो संंबंधित विद्यालय के वार्डन की बर्खास्तगी की अनुशंसा की जायेगी. शिकायत मिली है कि 10 वर्षों से एक ही दुकान से बिना टेंडर के सामान की खरीद हो रही है. अब टेंडर के माध्यम से ही सामग्री की खरीद की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है