सगी मां के व्यवहार से दुखी होकर धनबाद जिले के सुदामडीह की दो बहनें (पांच साल, सात साल) एक माह पहले पैदल चलकर बरोरा रेलवे साइडिंग पहुंच गयीं थीं. भटक रही इन बच्चियों को बरोरा पुलिस ने रेस्क्यू कर सीडब्ल्यूसी को सौंपा दिया. इन बच्चियों को बालिका गृह में रखा गया था. सीडब्ल्यूसी ने दोनों बच्चियों को गुरुवार को उसकी मां को सौंप दिया. मां को सामने देखकर पहले, तो दोनों बच्चियों ने मुंह फेर लिया और कहा कि हम इनके साथ नहीं जाना चाहते. लेकिन मां के पुचकारने पर दोनों फूट-फूटकर रोने लगीं. मां से लिपट गयीं. बच्चियों ने सीडब्ल्यूसी को बताया था कि उनके पिता का निधन हो गया है. मां मजदूरी करती है. उसने मजदूर से विवाह कर लिया. विवाह के बाद उनपर ध्यान नहीं देती थी. हम खाना के लिए तरसते थे. सौतेल पिता का व्यवहार भी सही नहीं था. इसलिए वे घर से निकल गयीं. जिधर जिधर रास्ता मिला, चलती गयीं. फिर पुलिस ने हमें पकड़ लिया. वहां से हमें यहां लाया गया.
सीडब्ल्यूसी पहुंचते ही भाग गया सौतेला पिता :
सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष उत्तम मुखर्जी ने बताया कि बच्चियों के बताये स्थान पर उसकी मां खोजा गया. साथ में उसके सौतेले पिता को भी बुलाया गया. सीडब्ल्यूसी पहुंचते ही सौतेला पिता भाग गया. मां के कहने पर दोनों बच्चियों को सौंपा गया है. लेकिन उन्हें फिर बुलाया है. अगर बच्चियों की व्यवस्था मां ठीक से नहीं कर पायेगी, तो उनके रहने की व्यवस्था सीडब्ल्यूसी की ओर से बालिका आवासीय विद्यालय में किया जायेगा. ताकि वह सुरक्षित माहौल में शिक्षा पा सकें. मौके पर सीडब्ल्यूसी की सदस्य डॉ मीरा सिन्हा, प्रेम कुमार, ममता अरोड़ा, डॅली कुमारी, बच्चन महतो आदि उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है