नीरज अंबष्ट, धनबाद. कुख्यात गैंगस्टर अमन सिंह की धनबाद जेल में हत्या का आरोपी नाबालिग साबित हो गया है. इस वजह से उसे धनबाद जेल से बाल संप्रेक्षण गृह भेज दिया गया है. ज्ञात हो कि
तीन दिसंबर 2023 को धनबाद जेल के इतिहास में सबसे बड़ी घटना घटी थी. जेल में बंद पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह सहित चार लोगों की हत्या के आरोपी गैंगस्टर अमन सिंह की गोली मार कर यूपी के युवक ने हत्या कर दी थी. हत्या के बाद पुलिस ने उसे अपनी गिरफ्त में ले लिया था. वह हत्या के आरोप में पांच माह तक धनबाद जेल में बंद रहा. मामले को लेकर जारी जांच-पड़ताल में आरोपित ने अपना जन्म प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया. इसमें वह नाबालिग पाया गया है. इस वजह से उसे धनबाद जेल से बरमसिया बाल संप्रेक्षण गृह भेज दिया गया है. उसके उम्र से संबंधित प्रमाण नहीं होने के कारण उसे धनबाद मंडल कारा में विशेष निगरानी में रखा गया था.अमन सिंह को गोली से भून डाला था नाबालिग ने
सनद रहे कि तीन दिसंबर 2023 को गैंगस्टर अमन सिंह जेल के अस्पताल वार्ड में सोया हुआ था. बेड पर वह लेट कर हेडफोन लगाकर गाना सुन रहा था. इसी बीच पहले से घात लगाये आरोपित किशोर को जेल में बंद अपराधी सीतेश साव उर्फ गांधी और विकास बजरंगी ने लोडेड पिस्टल मुहैया करवाया. इसके बाद आरोपित नाबालिग उक्त हथियार लेकर अस्पताल के वार्ड में घुसा और अमन सिंह पर फायरिंग शुरू कर दी. फायरिंग होते ही आसपास के लोग भाग खड़े हुए. गोली चलने की घटना के साथ ही जेल में सायरन बजने लगा और आरोपित नाबालिग अपने सहयोगियों के साथ भाग निकला. इसके बाद अपराधियों ने हत्या में प्रयुक्त पिस्टल जेल से बाहर फेंक दिया. जांच के क्रम में आरोपी पकड़ा गया.
बाइक चोरी में आया था जेल
गैंगस्टर अमन सिंह की हत्या की साजिश यूपी में रची गयी थी. कभी अमन सिंह के लिए काम करनेवाले आशीष रंजन उर्फ छोटू व रिंकू ने हत्या का प्लान पहले यूपी में बनाया फिर आरोपी नाबालिग को नेपाल बुलाकर समझाया. वहीं पर उसे पैसे भी मुहैया करवाया गया. वहां पैसे लेने के बाद आरोपित नाबालिग वहां से धनबाद पहुंचा. उसके धनबाद आने के बाद उससे तीन-चार युवक मिले और उसे अपने साथ बाघमारा ले गये. वहां पर उसे पूरी प्लानिंग बतायी गयी. फिर साजिश के तहत उसे मुनिडीह के एक सुनसान स्थान पर खड़ा कर दिया गया था. बाद में अज्ञात की सूचना पर वहां पहुंची पुलिस ने उसे एक बाइक के साथ गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के बाद उसने थाना में अपना नाम अलग बताया और उसी नाम से धनबाद जेल भेजा गया. हत्या के बाद मामले का खुलासा हुआ और उसका असली नाम सामने आया. बाद में उसने अपना जन्म प्रमाण पत्र जमा कर खुद के नाबालिग होने की गुहार लगायी थी, जो जांच के बाद सही साबित हुई और उसे बाल संप्रेक्षण गृह भेज दिया गया है.
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