पाकुड़. प्रत्येक वर्ष की भांति मनाए जाने वाले रथयात्रा की तैयारी जोरों पर है. सात जुलाई को रथयात्रा निकाली जाएगी. राजवाड़ी स्थित रथयात्रा को लेकर निकलने वाले रथ का रंग-रोगन किया जा रहा है. वहीं इसके अलावा हीरानंदनपुर से भी निकलने वाली रथ यात्रा की तैयारी अंतिम चरण में है. राजवाड़ी से निकलने वाली रथ यात्रा को लेकर नित्य काली मंदिर के पुजारी भारत चंद्र मिश्रा ने बताया कि 1737 से रथ यात्रा का शुभारंभ पाकुड़ में किया जा रहा है. वहीं मदन मोहन स्वामी मंदिर की स्थापना बंग्ला सन 1199 में हुई थी. बताया कि इस वर्ष भी रथयात्रा की तैयारी की जा रही है. रथयात्रा के अवसर पर आसपास के श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रहती है. रथयात्रा से जुड़ी आस्था को लेकर कई मान्यताएं हैं. रथ रस्सी के सहारे खींचा जाता है. इसमें भी कई मान्यताएं हैं. कहते हैं कि जो इसे मन लगाकर खींचते हैं, तो उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. बताया कि रथ यात्रा सात जुलाई को प्रारंभ होगी. रथ पर मदन मोहन स्वामी राधा रानी विराजमान होगी. इनका रथ राजबाड़ी स्थित काली मंदिर परिसर से निकला जाएगा, जो कि शहर भ्रमण होते हुए पुनः खुदी मासी नित्यकाली मंदिर में लाया जाएगा. फिर नौ दिन बाद उल्टे रथ की तैयारी की जाती है. वहीं हीरानंदपुर स्थित जगन्नाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष गोपीनाथ गोपाल दास ने बताया कि इस वर्ष भी रथयात्रा का आयोजन किया जा रहा है. यहां पर बड़े पैमाने पर रथयात्रा निकाली जाती है. सनातन परंपरा के अनुसार रथयात्रा हीरानंदनपुर से निकलकर बलिहारपुर रेलवे फाटक समेत अन्य जगहों से भ्रमण कर पुन: जगन्नाथ मंदिर वापस आती है. इसके बाद श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया जाता है.
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