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स्वास्थ्य सुविधाओं को सशक्त करने के लिए आईपीएचएस असेसमेंट आवश्यक : सिविल सर्जन

जिले में 07 में से 05सामुदायिक का अब तक किया गया है असेस्मेंटसभी स्वास्थ्य संस्थानों का किया जाना है आईपीएचएस असेस्मेंट

किशनगंज .भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मानक (आईपीएचएस) ऐसे मानक हैं जो

जिले में 07 में से 05सामुदायिक का अब तक किया गया है असेस्मेंटसभी स्वास्थ्य संस्थानों का किया जाना है आईपीएचएस असेस्मेंट

किशनगंज .भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मानक (आईपीएचएस) ऐसे मानक हैं जो जिला अस्पतालों, उप-जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और आयुष्मान आरोग्य मंदिर (पूर्ववर्ती उप स्वास्थ्य केंद्र) सहित सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के माध्यम से न्यूनतम आवश्यक सेवाओं की डिलीवरी सुनिश्चित करते हैं. आईपीएचएस बुनियादी ढांचे, उपकरण और मानव संसाधन के मानक निर्धारित करता है, तथा सभी सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में एक समान सेवा स्तर सुनिश्चित करता है. इन मानकों का पालन करने से, सुविधाएं निरंतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करती हैं और सेवा की गुणवत्ता में सुधार करती हैं. आईपीएचएस दिशा-निर्देश सभी स्तरों पर सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं का मूल्यांकन करने में मदद करते हैं, जिससे बेहतर स्वास्थ्य परिणाम प्राप्त होते हैं और स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में जनता का विश्वास बढ़ता है. यह जानकारी देते हुए सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने कहा कि जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों का आवश्यक रूप से आईपीएचएस असेस्मेंट किया जाना है जिसके लिए सभी पदाधिकारी एवं कर्मी लगातार प्रयासरत है.

जिले में 07 में से 05 सामुदायिक का अब तक किया गया है, असेस्मेंट

प्रभारी जिला सलाहकार गुणवत्ता यकीन पदाधिकारी सुमन सिन्हा ने बताया कि जिले में कुल 07 में से 05 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का आईपीएचएस असेस्मेंट किया जा चूका है | वही जिले में कुल 148 आयुष्मान आरोग्य मंदिर में से अब तक 60 का आईपीएचएस असेस्मेंट किया गया है सभी को आगामी 10 जुलाई तक अचूक रूप से असेस्मेंट किया जाना निर्धारित है. आईपीएचएस अनुपालन के लिए सुविधाओं को 80% या उससे अधिक स्कोर करना होगा. मंत्रालय ने आकलन को आसान बनाने के लिए ओडीके (ओपन डेटा किट) डिजिटल टूल और वेब-आधारित डैशबोर्ड विकसित किया है. ये उपकरण राज्यों को कमियों को जल्दी पहचानने और आवश्यक मानकों को प्राप्त करने के लिए लक्षित समर्थन प्राप्त करने में मदद करते हैं.

बीमारियों की समय से की जाएगी पहचान

गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ उर्मिला कुमारी ने बताया की सभी स्वास्थ्य संस्थानों के आईपीएचएस असेस्मेंट हो जाने से मरीज के स्वास्थ्य पर प्रभाव होने से पहले इलाज करने में सहायता होगी एवं बीमारियों की पहचान करने के लिए स्क्रीनिंग तथा निदान के बाद बीमारी के संक्रमण को रोकने के लिए प्रबंध करना संभव हो सकेगा. संचारी एवं गैर संचारी रोग तथा अन्य गंभीर बीमारी जैसे मल्टीप्ल स्क्लेरोसिस, हार्ट अटैक, पैरालिसिस आदि का गुणवत्तापूर्ण इलाज संभव हो सकेगा. जिला चिकित्सालयों में आवश्यक नैदानिक जांच जैसे एक्स रे, सोनोग्राफी एवं सीटी स्कैन प्रदान की जा सकेंगी. समस्त विकास खंड में क्रियाशील ब्लड बैंक संचालित किये जा सकेंगे. समस्त शासकीय चिकित्सालयों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के अनुसार तैयार किया जा सकेगा, जिससे केंद्र सरकार से अतिरिक्त इंसेंटिव राशि प्राप्त हो सकेगी. समस्त स्वास्थ्य केन्द्रों में आवश्यक औषधियां एवं आवश्यक पैथोलॉजी जांचे और आवश्यक प्राथमिक उपचार एवं रेफ़रल सेवाएं सुनिश्चित हो सकेंगी.

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