कमेटी के सदस्यों ने जताया रोष, 9 को डीसी से मिलने की निर्णय
काम में विलंब होने के लिए विभाग के अधिकारी जिम्मेदार : सुनील किस्कू
जमशेदपुर:
जमशेदपुर प्रखंड कार्यालय परिसर में शुक्रवार को मल्टी विलेज वाटर एंड सेनिटेशन कमेटी (एमवीडब्ल्यूएससी) के अध्यक्ष सुनील किस्कू की अध्यक्षता में एक बैठक हुई. बैठक में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग आदित्यपुर-जमशेदपुर व बागबेड़ा वृहद ग्रामीण जलापूर्ति योजना के ठेकेदार का एक भी प्रतिनिधि नहीं पहुंचा. इसपर कमेटी के सदस्यों ने रोष जताया. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार ने 2015 में 237 करोड़ की लागत से बागबेड़ा वृहद जलापूर्ति योजना का शिलान्यास किया, लेकिन नौ वर्ष बाद भी बागबेड़ा, कीताडीह, करनडीह और घाघीडीह की 17 पंचायतों में पानी नहीं पहुंच पाया. इसके लिए पूरी तरह से जिम्मेदार जलापूर्ति विभाग के अधिकारी व ठेकेदार हैं.
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सरकार ने 2018 तक बस्तियों में जलापूर्ति का लक्ष्य दिया था, लेकिन वर्तमान में वर्ष 2024 में भी काम पूरा नहीं हो पाया है. अभी भी मेन पाइपलाइन व सप्लाई पाइपलाइन को बिछाना बाकी है. हाउस कनेक्शन का काम भी नहीं हुआ है. गिदीझोपड़ी में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का काम भी आधा अधूरा हुआ है. बैठक में मल्टी विलेज वाटर एंड सेनिटेशन कमेटी ने 9 जुलाई को उपायुक्त से मिलने का निर्णय लिया. इस दौरान बागबेड़ा वृहद ग्रामीण जलापूर्ति योजना के काम को अविलंब पूर्ण करने की मांग की जायेगी. बैठक में समिति के अध्यक्ष-सुनील किस्कू, उपाध्यक्ष-नीनू कुदादा, मनोज मुर्मू, जोबा मार्डी समेत कई लोग मौजूद थे.
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