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जुलाई में पांच दिनों में जरूरत से दोगुनी हुई बारिश, खेतों को तैयार करने में जुटे किसान

जुलाई में पांच दिनों में शानदार बारिश के कारण किसानों के चेहरे इस बार खिले हुए हैं. क्योंकि इस बार मौसम विभाग की भविष्यवाणी सच साबित हो रही है और जिले के अलग-अलग हिस्सों में अच्छी बारिश हो रही है.

छपरा. जुलाई में पांच दिनों में शानदार बारिश के कारण किसानों के चेहरे इस बार खिले हुए हैं. क्योंकि इस बार मौसम विभाग की भविष्यवाणी सच साबित हो रही है और जिले के अलग-अलग हिस्सों में अच्छी बारिश हो रही है. हालांकि इस बार मानसून थोड़ा देर से जरूर आया. इसके कारण किसान थोड़े निराश भी जरूर हुए, लेकिन 28 जून से पांच जुलाई तक झमाझम बारिश होने से किसानों के चेहरे पर मुस्कान वापस लौट गयी. अच्छी बारिश के कारण किसानों में काफी खुशी है. क्षेत्र में नहर-आहर में भी पानी आ जाने से किसानों को सिंचाई में आसानी होगी. जानकारी हो की बारिश नहीं होने के कारण किसानों को धान के बिचड़ा को सिंचाई करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. अब बारिश होने के बाद किसान अच्छे से धान की खेती के लिए खेतों को तैयार कर पायेंगे. सही समय पर खेत तैयार हो जाने पर किसान सही समय से फसलों की बुआई कर पायेंगे. इससे उन्हें अच्छी पैदावार हासिल होगी.

कई किसानों ने शुरू की जुताई

किसान खेतों की ओर चल पड़े हैं. ट्रैक्टर लेकर खेतों की जुताई कर रहे हैं. माना जा रहा है कि 10 जुलाई से सभी किसान अपने खेतों में धान की रोपनी प्रारंभ कर देंगे. सदर प्रखंड के किसान अविनाश सिंह ने कहा कि भगवान इंद्रदेव से प्रार्थना करेंगे की अच्छी बारिश दे, ताकि धान की बंपर पैदावार हो. पूरे सारण जिला की बात करें तो तकरीबन 97 हजार से अधिक हेक्टेयर में धान की बंपर पैदावार होती है. शुक्रवार की बारिश हम लोग के लिए बहुत ही खुशी वाली बारिश है. हम लोगों के खेतों में धान का बीज बचना मुश्किल हो रहा था. ऐसे में अब कल से खेतों में रोपनी शुरू करेंगे. किसानों के लिए अच्छी बारिश दोहरी खुशी लेकर आयी है. कृषि विशेषज्ञ संजय भारती की माने तो बारिश से किसानों को फायदा ही मिला है. इस बारिश से मूंग और आम आदि फसलों को भी काफी फायदा हुआ है. अत्यधिक धूप के कारण जहां खेतों से नमी गायब हो चुकी थी. वहीं बारिश के बाद खेतों में नमी बढ़ गयी है.

पांच दिनों में दोगुनी बारिश

जिला कृषि कार्यालय के अनुसार जून में अच्छी बारिश नहीं हुई थी. पूरे जून में 133 मिली मीटर बारिश की उम्मीद थी. लेकिन मात्र 29 मिली मीटर ही बारिश हुई थी, जो की 78 प्रतिशत कम थी. जुलाई में अभी पांच दिन ही बीते हैं और पांच दिनों में औसत बारिश 50 मिलीमीटर की जरूरत थी. अभी तक 95 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है. ऐसे में इसे लगभग दुगुना माना जायेगा. बिचड़ा डालने का काम 100 फ़ीसदी पूरा हो गया है. कुछ लोगों ने रोपनी भी शुरू कर दी है. लेकिन 10 जुलाई के बाद सभी जगह रोपनी शुरू हो जायेगी.

इस मौसम में पशुओं का रखें ख्याल

किसानों के लिए सलाह जारी करते हुए कृषि विशेषज्ञों ने ने कहा कि किसान अपने खेत में मेढ़ बनाकर ही फसलों की बुआई करें. साथ ही खेत में जल निकासी की उचित व्यवस्था करें. मेढ़ बनाने से यह फायदा होगा की जल संचयन करने में आसानी होगी. इसके साथ ही अत्यधिक बारिश की स्थिति में जलजमाव नहीं हो और पौधों को इससे नुकसान नहीं हो इसका ध्यान जरूर रखे. बारिश के मौसम में पशुओं को खुले में नहीं छोड़े या पेड़ के नीचे नहीं बांधे, पशु शेड का मरम्मति करायें. पशुओं के चारे का ख्याल रखें कि संक्रमित चारा नहीं हो.

क्या कहते हैं कृषि पदाधिकारी

जुलाई माह में औसत से दोगुनी बारिश हुई है. पांच दिनों में 50 की जगह 95 मिमी बारिश हुई है. 100 प्रतिशत बिचड़ा का कार्य हो गया है. कुछ किसानों ने रोपीणी भी शुरू कर दी है. लेकिन 10 जुलाई के बाद सभी जगह रोपनी शुरू हो जायेगी.

श्याम बिहारी सिंह,

जिला कृषि पदाधिकारी, सारण

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