केंद्र द्वारा जूट की बोरियों का ऑर्डर कम करने का जतायेंगे विरोध
केंद्र पर प्लास्टिक उद्योग को प्रमोट करने का लगाया आरोप
प्रतिनिधि, बैरकपुर
वर्तमान में राज्य में छोटी-बड़ी करीब 62 जूट मिले चल रही हैं. तृणमूल नेता का आरोप है इसके लिए जो जूट के बोरे का ऑर्डर दिया गया है, काफी कम है. इस कारण मिल मालिकों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है. इसकी वजह से मिल के श्रमिकों के काम के दिन कम कर दिया गया है. इस विषय में बैरकपुर के सांसद पार्थ भौमिक ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में जूट की समस्या का समाधान करना पूरी तरह केंद्र पर निर्भर करता है. राज्य में 62 छोटी-बड़ी जूट मिलें चलता हैं. जिसके लिए 2023 में 3 लाख 80 हजार बेल आर्डर दिया गया था, जिसमें इस वर्ष जून महीने तक केवल 1 लाख 80 बेल की आपूर्ति की गयी. यानी दो लाख बेल ऑर्डर कम कर दिया है. इस कारण स्वाभाविक रूप से देखा जा रहा है पहले मिलें तीन शिफ्ट में छह दिन चलती थीं. लेकिन अब सप्ताह में दो शिफ्टों में चार दिन ही काम हो रहा है.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि गुजरात के प्लास्टिक उद्योग को प्रमोट करने के लिए बंगाल के जूट उद्योग पर आघात किया जा रहा है. केंद्र सरकार ने ही प्रदूषण मुक्त भारत बनाने के लिए कहा था, इसके लिए बाजारों में प्लास्टिक की बिक्री बंद करने को कहा था. लेकिन वह खुद ही जूट के बदले प्लास्टिक का इस्तेमाल करने पर बाध्य कर रही है.
इस समस्या को लेकर राज्यसभा के सभापति से बात हुई है, हमने उनसे निवेदन किया है कि जूट समस्या को लेकर राज्य के सभी जूट मिलों के बाहर आंदोलन किया जाय. इसे लेकर केंद्र सरकार के एक चिट्ठी लिखी है. लेकिन अब तक उसका कोई जवाब नहीं मिला. वह आगामी लोकसभा सत्र में इसके खिलाफ जोरदार आवाज उठाने की तैयारी में हैं. जूट उद्योग के लिए पार्टी की अनुमति लेकर जितना दूर जाना होगा, जायेंगे.
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