बोकारो. झारखंड विद्युत नियामक आयोग ने बिजली का दर निर्धारण के लिए शुक्रवार को जन सुनवाई की. इसमें बीएसएल के बिजली उपभोक्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए. लीज व लाइसेंस क्वार्टर के उपभोक्ताओं ने भी अपनी समस्या रखते हुए बिजली दर में बढ़ोतरी का कड़ा विरोध किया. कहा कि थ्री फेज विद्युत कनेक्शन के लिए नियामक आयोग की नियमों का पालन नहीं किया जाता है. उधर, बोकारो प्लॉट होल्डर वेलफयर एसोसिएशन ने भी कई सवाल उठाये. आयोग के अधिकारियों ने सबकी बातों को ध्यान से सुना. बोकारो प्लॉट होल्डर वेलफयर एसोसिएशन की ओर से कहा गया कि विद्युत नियामक आयोग ने पिछले कई जन सुनवाई के बाद अपने आदेश में अनेक निर्देश दिये थे. मगर, उनका पालन कभी नहीं किया गया. हर जन सुनवाई के बाद बोकारो स्टील प्लांट का टैरिफ निर्धारण वही पुराने निर्देश के साथ किया जाता रहा है. इससे बोकारो स्टील सिटी के विद्युत उपभोक्ता को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. रात्रि पाली में अनुरक्षण की सेवा नहीं रहने के कारण उपभोक्ता को गुणवत्ता युक्त सेवा नहीं मिलती है. एसोसिएशन का कहना था कि बीएसएल ने उपभोक्ता के पहचान के मापदंड को बदल दिया है. उपभोक्ता को कॉमर्शियल बिजली लेने के लिए बीएसएल बाध्य कर रहा है. सेक्टर मार्केट व सिटी सेंटर के उपभोक्ता नीचे दुकान और ऊपर मकान (कॉमर्शियल और ऊपर आवासीय ) श्रेणी के उपभोक्ता हैं. लेकिन, बीएसएल उपभोक्ता की मांग को पूरा नहीं कर रही है. आयोग ने मीटर अलग करने को कहा, लेकिन, बीएसएल ने नियामक के आदेश को नहीं माना. उपभोक्ता के साथ न्याय नहीं हो रहा है.
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