जगन्नाथ मैदान धुर्वा में राज्यस्तरीय निपुण समागम रांची. सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है. एक से पांच तक की कक्षा में नामांकित बच्चों के रिटेंशन और ड्रॉपआउट को रोकने के लिए पठन-पाठन को और रोचक बनाने की जरूरत है. उक्त बातें राज्य सरकार के स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के सचिव उमाशंकर सिंह ने निपुण समागम में कहीं. निपुण भारत मिशन के तीन वर्ष पूरे होने पर स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग और झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने शुक्रवार को जगन्नाथ मैदान धुर्वा में राज्यस्तरीय निपुण समागम का आयोजन किया. इसमें इंडिया पार्टनरशिप फॉर अर्ली लर्निंग (आइपीइएल)-एफएलएन पीएमयू ने सहयोग किया. हर वर्ष निपुण समागम का होगा आयोजन : मौके पर राज्य शिक्षा परियोजना के निदेशक आदित्य रंजन ने कहा कि अब हर वर्ष निपुण समागम का आयोजन होगा. इस अवसर पर समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा विभाग के निदेशक शशि प्रकाश झा ने कहा कि सभी जिलों के डायट और स्कूलों में टीएलएम की प्रदर्शनी जरूर लगायें. यूनिसेफ की एजुकेशन स्पेशलिस्ट पारुल शर्मा ने कहा कि यदि बच्चे अपने जीवन के प्रथम चार-पांच साल में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पायें, तो यह आगे चलकर उनके लिए सफलता की सीढ़ी बनाता है. आइपीइएल केयर की चीफ डॉ गीता वर्मा ने कहा कि साल 2021 में निपुण मिशन की शुरुआत हुई और आज इसके तीन वर्ष पूरे हो गये हैं. इस मौके पर राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी अभिनव कुमार सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे .
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