आज लॉजिस्टिक डिलीवरी के क्षेत्र में देश भर में कई बड़ी कंपनियां सेवा दे रही हैं. इनके बीच स्टार्टअप ‘इंजीनियर्स पार्सल’ अपनी अलग पहचान बनाने में सफल रहा है. आइआइटी आइएसएम धनबाद, सिंफर व आइआइटी खड़गपुर के छात्रों ने कोविड काल में इसकी शुरुआत की थी. आज यह देश भर में 7000 किलोग्राम से अधिक पार्सल कुशलतापूर्वक डिलीवर कर चुका है. स्टार्टअप ‘इंजीनियर्स पार्सल’ सुरक्षित और स्वच्छ लॉजिस्टिक डिलीवरी की मांग को पूरा कर रहा है. इसी आइडिया के कारण आइआइटी आइएसएम में अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर (एसीआइसी) ने इंक्यूबेशन प्रदान किया. यही नहीं, नीति आयोग ने इस स्टार्टअप को शुरुआती दो लाख रुपये का फंड मुहैया कराया.
शुभम स्वर्णकार के सपनों का मूर्त रूप है यह स्टार्टअप
2020 में जब पूरी दुनिया कोविड महामारी से जूझ रही थी, तब कोई भी व्यक्ति किसी का छुआ सामान लेने से डरता था. उसे संक्रमण का डर रहता था. तब आइआइटी आइएमएस के इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग से एमटेक कर रहे शुभम स्वर्णकार को हाइजीन लॉजिस्टिक डिलीवरी का आइडिया आया. शुभम बताते हैं कि बेंगलुरु में रह रही अपनी सहपाठी को उन्हें डॉक्यूमेंट भेजना था. यह डॉक्यूमेंट हॉस्टल से बेंगलुरु भेजना था. शुभम ने दूसरे दोस्तों की मदद से यह डॉक्यूमेंट बेंगलुरु पहुंचाया. इसके बाद ही उन्होंने स्टार्टअप का आइडिया धरातल पर उतारने का निर्णय लिया.
प्रारंभ में चार लोग साथ आये
कोरोना काल में कोई भी कूरियर कंपनी किसी के घर से सामान नहीं उठा रही थी. उनके काउंटर पर जाना पड़ता था. तब शुभम ने घर या कंपनी से सामान उठा कर गंतव्य तक पहुंचाने के लिए इंजीनियर्स पार्सल की नींव अपने दोस्त शब्बीर रजां के साथ डाली थी. शुरुआती फेज में इससे चार लोग जुड़े. कोविड की पहली लहर के दौरान स्थापित इंजीनियर्स पार्सल ने एक साल में 20 हजार घरों या कंपनियों का पार्सल गंतव्य तक डिलीवर किया था. दूसरे वर्ष यह आंकड़ा 50 हजार तक पहुंच गया.
ऑन डिमांड सुपर लोकल डिलीवरी सेवा प्रदाता बनी
आज यह स्टार्टअप देश के बड़े मीडिया हाउस का डिलीवरी पार्टनर है और पूरे देश में पार्सल पहुंचा रहा है. अपने नेटवर्क को बड़ा करने के लिए इस स्टार्टअप ने देश के स्थापित कूरियर कंपनियों से टाइपअप किया है. यह उनके लिए घरों और कंपनियों से पार्सल उठा रहा है. यह कंपनी किराने का सामान, भोजन, दवा, पिकअप और ड्रॉप जैसी सेवा प्रदान कर रही है. स्टार्टअप अपने हर डिलीवरी में ग्राहकों और उनके सामान का पूरा ख्याल रखता है. कोई भी ग्राहक डिलीवरी के दौरान वीडियो कॉल कर अपने सामान की स्थिति देख सकता है.
जल्द ही एप्लिकेशन पर उपलब्ध होगा इंजीनियर्स पार्सल इंजीनियर्स पार्सल का लक्ष्य 24 घंटे सेवाएं, व्हाट्सएप चैटबॉट, टेक्स्ट और कॉल ऑर्डरिंग विकल्प प्रदान कर ऑफलाइन और ऑनलाइन स्टोर के बीच अंतर को पाटना है. कंपनी आज ऑर्डर तीन माध्यमों से लेती है. इसमें व्हाट्सएप, फोन कॉल और वेबसाइट https://engineersparcel.online है. शब्बीर रजां बताते हैं कि जल्द ही इंजीनियर्स पार्सल का अपना एप्लिकेशन भी लांच होने जा रहा है. इससे उनके कारोबार को और गति मिलेगी. जल्द ही उनके स्टार्टअप को 20 लाख रुपये का फंड मिलने जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है