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एक महीने बाद तृणमूल के दो विधायकों ने ली शपथ

उप चुनाव का परिणाम आने के बाद से शपथ ग्रहण तक राज्य सरकार व राजभवन के बीच चलती रही खींचतान

कोलकाता. तृणमूल कांग्रेस के दो नवनिर्वाचित विधायक सायंतिका बनर्जी और रेयात हुसैन सरकार ने आखिरकार शुक्रवार को विधायक पद की शपथ ले ली. बरानगर की विधायक सायंतिका और भगवानगोला से विधायक रेयात हुसैन सरकार ने उप विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के एक महीने एक दिन बाद शपथ ली. दोनों को विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने शपथ दिलायी. विधायकों के शपथ ग्रहण से पहले कार्य मंत्रणा समिति (बीए कमेटी) की बैठक हुई, जिसमें दोनों विधायकों को शपथ दिलाये जाने का निर्णय लिया गया.

विदित हो कि विधायकों को शपथ दिलाये जाने के लिए गुरुवार रात 9.22 बजे राजभवन ने डिप्टी स्पीकर को दोनों विधायकों को शपथ दिलाने का निर्देश दिया था. पर राज्यपाल के निर्देश का उल्लंघन करते हुए डिप्टी स्पीकर की जगह विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने विधायकों को शपथ दिलायी. सूत्रों की मानें, तो विधायकों को शपथ दिलाये जाने के लिए ही विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया था.

अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने शपथ दिलाने के लिए डिप्टी स्पीकर से किया अनुरोध

राज्यपाल ने चूंकि शपथ दिलाने के लिए डिप्टी स्पीकर को जिम्मा सौंपा था, इसलिए अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने उपाध्यक्ष आशीष बनर्जी को अनुमति दी. पर उपसभापति ने शपथ दिलाने से इनकार कर दिया. कहा : सदन में जहां खुद अध्यक्ष उपस्थित हैं, उनके स्थान पर मैं शपथ दिलाने का दुस्साहस या असभ्यता नहीं कर सकता. मैं आपसे शपथ पढ़ने का अनुरोध करता हूं. इसके बाद तृणमूल विधायकों की उपस्थिति में स्पीकर ने दोनों विधायकों को शपथ दिलायी को शपथ दिलायी. दोनों ने बांग्ला में शपथ का पाठ किया. इस दौरान विधायकों ने ”जय बांग्ला” के नारे भी लगाये. वहीं, इस विशेष सत्र में राज्य के मुख्य विरोधी दल भाजपा के सभी विधायक नदारद थे. उनका कहना था कि काफी कम समय में विशेष सत्र की जानकारी दी गयी थी. इतने कम समय में विधानसभा पहुंचना हमारे लिए संभव नहीं है. गौरतलब है कि चार जून को लोकसभा के साथ-साथ राज्य की दो विधानसभा सीटों के नतीजे घोषित किये गये थे. दोनों विधायकों की शपथ को लेकर विधानसभा और राज्यपाल के बीच टकराव देखने को मिल रहा था. राजभवन ने सायंतिका और रेयात को पत्र भेज कर राजभवन में शपथ लेने को कहा था. पर दोनों विधायक सदन में शपथ लेने की मांग पर अड़े हुए थे. इस बीच स्पीकर बिमान बनर्जी ने राज्यपाल से राजभवन आकर शपथ लेने का बार-बार अनुरोध किया. इसके बाद गुरुवार को उन्होंने 24 घंटे के नोटिस पर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की घोषणा की.

विशेष सत्र की शुरुआत में क्या कहा विस अध्यक्ष ने

विशेष सत्र की शुरुआत में स्पीकर बिमान बनर्जी ने कहा : अनुच्छेद 188 के अनुसार, जीतने वाले विधानसभा के सदस्य को शपथ लेनी पड़ती है. विधायकों द्वारा विधानसभा में स्पीकर के सामने शपथ लेने की परंपरा है. लेकिन इन दोनों के मामले में राजभवन को बार-बार सूचित करने के बाद भी राजभवन ने कोई कदम नहीं उठाया. मैं यहां असहाय हूं. परंपरा के मुताबिक शपथ विधानसभा में ली जानी चाहिए है. इन दोनों ने राज्यपाल को यह भी बताया. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्यपाल ने इनकी दलील सुनने के बाद कोई निर्णय नहीं लिया. अनुच्छेद 188 के अनुसार विधानसभा के दौरान अध्यक्ष द्वारा शपथ लेने का नियम है. स्पीकर का फैसला अंतिम होता है. उन्होंने बताया कि गुरुवार को मेरे कार्यालय को एक पत्र प्राप्त हुआ, जिसमें उपसभापति को शपथ दिलाने की जिम्मेदारी दी गयी थी. पत्र गुरुवार रात 9.22 बजे आया था.

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