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शौचालय निर्माण में भ्रष्टाचार पर नकेल के लिए विशेष पहल

एसएचजी को सौंपी गयी स्वच्छ भारत मिशन की समीक्षा की जिम्मेदारी

कोलकाता. राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय निर्माण में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए पहल की है. अब शौचालय के संबंध में समीक्षा के लिए राज्य के पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग ने सेल्फ हेल्प ग्रुप को शामिल किया है. पंचायत विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की महिलाओं की मदद से ग्रामीण क्षेत्रों में 100 प्रतिशत शौचालय सुनिश्चित करने का काम पूरा किया जायेगा.

इन समूहों से एक करोड़ 22 लाख 764 महिलाएं जुड़ी हैं. गौरतलब है कि अब तक इस परियोजना का सारा काम ग्राम पंचायत द्वारा किया जाता था. ग्राम पंचायत तय करती थी कि किसके घर शौचालय बनाया जाये. यहां तक कि प्रत्येक गांव में सामुदायिक शौचालयों के लिए स्थल का चयन से लेकर निर्माण तक का, सब कुछ ग्राम पंचायतों की जिम्मेदारी थी. आरोप है कि ग्राम पंचायत के माध्यम से योजनाओं का क्रियान्वयन कराने पर करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है. इस अनियमितता का जिक्र कई बार कैग रिपोर्ट में भी किया गया है. आरोप है कि कई लोगों को रुपये मिल गये, लेकिनशौचालय नहीं बना. वहीं, सामुदायिक शौचालयों की शिकायतें भी आ ही रही हैं. इस वजह से स्वच्छ भारत मिशन में घर-घर शौचालय बनाने में पश्चिम बंगाल पिछड़ गया है. राज्य में सबसे पिछड़ा जिला मुर्शिदाबाद है. अब तक प्रोजेक्ट का सिर्फ 15 फीसदी काम ही पूरा हो सका है. झाड़ग्राम, दक्षिण दिनाजपुर, मालदा, सिलीगुड़ी और पश्चिम मेदिनीपुर में भी यही तस्वीर है. राज्य में सबसे अच्छा काम अलीपुरदुआर और पुरुलिया में हुआ है, जहां 100 फीसदी ग्रामीण घरों में शौचालय हैं. बताया गया है कि राज्य के ग्रामीण इलाकों में लक्ष्य का 60 फीसदी से कुछ अधिक घरों में शौचालय का निर्माण हो चुका है. स्वच्छ भारत मिशन के काम में पिछड़ने के बाद राज्य को बार-बार केंद्र के सवालों का सामना करना पड़ रहा है. अब इन भ्रष्टाचार के आरोपों से बचने के लिए राज्य पंचायत विभाग ने परियोजना के क्रियान्वयन का जिम्मा सीधे स्वयं सहायता समूहों अर्थात सेल्फ हेल्प ग्रुप को सौंप दिया है. वर्तमान में पंचायत कार्यालय के अंतर्गत 12,05,946 स्वयं सहायता समूहों को इस परियोजना के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए सर्वेक्षण की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में जिनके घर शौचालय नहीं हैं, सेल्फ हेल्प ग्रुप उनकी सूची बनाकर प्रशासन को देगा, ताकि शौचालय निर्माण की व्यवस्था की जा सके. यह अभियान 15 अगस्त तक चलेगा.

पंचायत सचिव ने डीएम को इस बाबत पहले ही लिखा है

इसे लेकर राज्य के पंचायत सचिव पी उल्गानाथन ने पहले ही जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर बताया है कि स्वयं सहायता समूह किस प्रकार से सर्वेक्षण करेंगे. इन दिशानिर्देशों के अनुसार प्रत्येक स्वयं सहायता समूह की महिलाएं गांव में लोगों के बीच शौचालय की आवश्यकता के बारे में जागरूकता अभियान चलायेंगी. इसके साथ ही गांव में किस घर में शौचालय है और कहां नहीं, इस बारे में रिपोर्ट तैयार करेगी. इसके बाद वे आठ जुलाई तक बीडीओ को रिपोर्ट सौंपेंगी और फिर बीडीओ इस रिपोर्ट का सत्यापन विभिन्न सरकारी माध्यमों से करेंगे. इसके बाद बीडीओ इसे लेकर फाइनल रिपोर्ट डीएम को सौंपेंगे. बताया गया है कि सूची के आधार पर राज्य सरकार शौचालय निर्माण के लिए सरकारी अनुदान की मंजूरी देगी और 13 अगस्त तक पैसा सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया जायेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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