Tender Scam: मनी लाउंड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार झारखंड सरकार के मंत्री आगमगीर आलम के आप्त सचिव का करीबी जहांगीर आलम कागजी तौर पर ड्राइ फ्रूट, दवा और कोयले का व्यापार करता था.
कागज पर ड्राइ फ्रूट, दवा, कोयला, का कारोबार करता था जहांगीर
ईडी ने जहांगीर के आयकर रिटर्न की जांच में पाया कि उसने अपनी आमदनी का स्रोत ड्राइ फ्रूट, दवा, कोयला, ईंट आदि की खरीद-बिक्री दिखायी है. हालांकि, उसके पास इससे संबंधित कोई वैध दस्तावेज नहीं है. उसने इस कागजी व्यापार के सहारे लाखों की आमदनी दिखायी है. बैंक खाते में कभी आमदनी के मुकाबले कम और कभी करोड़ों रुपये दिखाया है.
मनमाने तरीके से भरता था आयकर रिटर्न
वह अपना आयकर रिटर्न भी मनमाने तरीके से भरता था. उसका वास्तविक काम कमीशन की राशि जमा करना था. झारखंड सरकार के मंत्री के आप्त सचिव संजीव लाल और उनकी पत्नी रीता लाल के खाते में भी उनकी वास्तविक आमदनी से ज्यादा रकम जमा होती थी. वास्तव में उसने अपने बैंक खाते में कमीशन की रकम जमा की है. कमीशन की रकम से ही उसने संपत्ति खरीदी है.
ईडी ने टेंडर घोटाला में फंसे लोगों के आयकर ब्योरा को खंगाला
ईडी ने मामले की जांच के दौरान इनके बैंक खातों और दायर किये गये आयकर रिटर्न के ब्योरे के विश्लेषण के बाद यह नतीजा निकाला है. ईडी ने जांच में पाया कि विभाग में कमीशन वसूली के लिए ठेकेदार से साथ किये गये एकरारनामे में लिखित लागत को आधार बनाया जाता था. लागत मूल्य का तीन प्रतिशत बतौर कमीशन वसूला जाता था.
1.35 प्रतिशत कमीशन मिलता था मंत्री को
इसमें 1.35 प्रतिशत मंत्री और शेष 1.65 प्रतिशत में दूसरे अधिकारियों को मिलता था. रिपोर्ट के अनुसार 1.65 प्रतिशत में से 0.75 प्रतिशत ब्यूरोक्रेट, 0.5 प्रतिशत मुख्य अभियंता और 0.4 में दूसरे इंजीनियर व विभागीय अधिकारियों को हिस्सा मिलता था.
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