Naveen Joshi: इस वर्ष का 15वां अयोध्या प्रसाद खत्री स्मृति सम्मान लेखक नवीन जोशी को उनके नए उपन्यास देवभूमि डेवलपर्स के लिए प्रदान किया जाएगा. यह उपन्यास उत्तराखंड की भूमि पर नेताओं, ठेकेदारों और दलालों के सहयोग से कॉर्पोरेट्स द्वारा कब्जा जमाने की कहानी को प्रस्तुत करता है. इसमें जन-आंदोलनों और उनके आंतरिक अंतर्विरोधों को भी प्रभावशाली ढंग से उजागर किया गया है.
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इस प्रतिष्ठित सम्मान का चयन प्रोफेसर वीर भारत तलवार ने किया है. नवीन जोशी का पत्रकारिता करियर चिपको आंदोलन पर आधारित उनके पहले उपन्यास “दावानल” से शुरू हुआ. उन्होंने हिंदुस्तान अखबार के संपादक रहते हुए कई महत्वपूर्ण कृतियां लिखीं, जिनमें “टिकटशुदा रुक्का,” “बाधैन,” “अपने मोर्चे पर,” “राजधानी की शिकार कथा,” “ये चिराग जल रहे हैं,” और “लखनऊ का उत्तराखंड” प्रमुख हैं.
नवीन जोशी का जन्म 1955 में उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के गणाई-गंगोली गाँव में हुआ था और उनकी शिक्षा लखनऊ में हुई. पत्रकारिता के माध्यम से उन्होंने सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों को प्रमुखता से उठाया है. उनके उपन्यास अक्सर उन घटनाओं से प्रेरित होते हैं, जो अखबारों में छोटी खबरें बनकर रह जाती थीं. यह सम्मान समारोह नवंबर माह में आयोजित किया जाएगा.
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