विश्व जूनोजेज दिवस पर शनिवार को सदर अस्पताल परिसर स्थित सिविल सर्जन कार्यालय के सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें जिले के विभिन्न सीएचसी के एमओआइसी, पशु चिकित्सक एवं वन विभाग के कर्मियों ने भाग लिया. कार्यशाला में बतौर प्रशिक्षक जिला महामारी विशेषज्ञ डॉ संतोष कुमार मिश्र उपस्थित थे. प्रशिक्षण में जिला वीबीडी पदाधिकारी डॉ पुष्पा सहगल, जिला वीबीडी कंसल्टेंट अरविंद कुमार द्विवेदी, सीएचसी गढ़वा के एमओआइसी डॉ संजय कुमार सिंह, डॉ गोविंद सेठ, डॉ विजय किशोर रजक, डॉ रत्नेश कुमार, डॉ गौरव विक्रम तथा पशु चिकित्सक डॉ अमित कुमार ने भाग लिया. मौके पर डॉ संतोष कुमार मिश्र ने कहा कि ज़ूनोजेज एक ऐसा संक्रामक रोग है, जो जानवरों से इंसानों में या फिर इंसानों से जानवरों में फैलता है. उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार ज़ूनोटिक रोग जनक बैक्टीरिया, वायरल या पैरासाइटिक हो सकते हैं. इसके अलावा ये सीधे संपर्क में आने व भोजन के जरिये या फिर पानी एवं पर्यावरण के माध्यम से भी इंसानों में फैल सकते हैंं. उन्होंने कहा कि ज़ूनोजेज विश्व भर में एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है. खेती के दौरान जानवर एवं इंसान दोनों साथ मिलकर काम करते हैं. अगर एक बार ज़ूनोजेज की समस्या उत्पन्न हो गयी, तो यह जानवरों के उत्पाद एवं इसके व्यापार में बाधा भी पैदा कर सकती है. प्रशिक्षक ने कहा कि प्रत्येक वर्ष विश्व ज़ूनोज़ेज दिवस छह जुलाई को मनाया जाता है. इसी दिन इन बीमारियों के लिए पहला टीका बनाया गया था. इसके अलावा इसका इस दिवस के आयोजन का उद्देश्य लोगों को बीमारियों के बारे में अधिक जागरूक होने का आग्रह करना भी है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है