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मशरूम व मछलीपालन कर किसान करेंगे आर्थिक उन्नति

प्रखंड के राजपुर व हरपुर गांव में कृषि विभाग आत्मा के तरफ से किसान चौपाल लगाया गया.

राजपुर. प्रखंड के राजपुर व हरपुर गांव में कृषि विभाग आत्मा के तरफ से किसान चौपाल लगाया गया. चौपाल में किसानों को तकनीकी सहायक योगेश कुमार मिश्रा ने समेकित कृषि प्रणाली पर चर्चा करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन के साथ किसानों को समेकित कृषि प्रणाली अपनाकर आगे बढ़ने की जरूरत है.किसान मशरूम की खेती ,मछली पालन ,मधुमक्खी पालन एवं समय-समय पर कई सब्जियों का उत्पादन कर आर्थिक उन्नति कर सकते हैं. मशरूम की खेती पर चर्चा करते हुए कहा कि यह सबसे कम लागत में इसकी खेती की जा सकती है.जिसके लिए कोई खर्च नहीं करना है. अपने आसपास के वातावरण से भूसा लेकर इसे उपचारित कर मशरूम का स्पॉन लगाकर इसकी खेती कर सकते हैं. जिसके लिए किसानों को सरकार के तरफ से अनुदानित दर पर किट भी उपलब्ध कराया जा रहा है. जो किसान प्रशिक्षण प्राप्त कर लिए हैं उन्हें 90% अनुदान पर यह किट दिया जाएगा. अपने आसपास झोपड़ी एवं घरों में इसकी खेती कर इससे जैम, जेली ,अचार एवं कई उत्पाद को बनाकर बाजार में बेच सकते हैं. आय के स्रोत के लिए मछली पालन भी एक अच्छा साधन है. जिसके लिए सरकार मनरेगा योजना के तहत निजी जमीन पर भी तालाब की खुदाई कर रही है. तालाब की खुदाई कर मछली पालन भी कर सकते हैं. बदलते समय के साथ अब किसान समूह बनाकर मधुमक्खी पालन कर सकेंगे. इसके लिए भी उद्यान विभाग के तरफ से किसानों को मधुमक्खी बॉक्स दिया जा रहा है.जिसमें समूह के सदस्य इस योजना का लाभ ले सकते हैं. प्रखंड उद्यान पदाधिकारी मुन्ना कुमार सिंह ने बताया कि पर्यावरण को सुरक्षित रखने एवं आय के स्रोत में वृद्धि के लिए किसानों को पौधारोपण के लिए योजना है. जिसमें आम, केला, पपीता की बागवानी कर सकते हैं. जिसके लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया जारी है.इस मौके पर अभिषेक कुमार राय,कृषि समन्यवक दिलीप कुमार सिंह, किसान सलाहकार आत्मानंद मिश्रा, नंदजी सिंह, किसान बंशनारायण राम, मीना देवी, राधा कृष्ण सिंह, विजय सिंह, देवेंद्र सिंह के अलावा अन्य लोग मौजूद रहे. राजपुर. प्रखंड के राजपुर एवं हरपुर गांव में कृषि विभाग आत्मा के तरफ से किसान चौपाल लगाया गया. चौपाल में किसानों को तकनीकी सहायक योगेश कुमार मिश्रा ने समेकित कृषि प्रणाली पर चर्चा करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन के साथ किसानों को समेकित कृषि प्रणाली अपनाकर आगे बढ़ने की जरूरत है.किसान मशरूम की खेती ,मछली पालन ,मधुमक्खी पालन एवं समय-समय पर कई सब्जियों का उत्पादन कर आर्थिक उन्नति कर सकते हैं. मशरूम की खेती पर चर्चा करते हुए कहा कि यह सबसे कम लागत में इसकी खेती की जा सकती है.जिसके लिए कोई खर्च नहीं करना है. अपने आसपास के वातावरण से भूसा लेकर इसे उपचारित कर मशरूम का स्पॉन लगाकर इसकी खेती कर सकते हैं. जिसके लिए किसानों को सरकार के तरफ से अनुदानित दर पर किट भी उपलब्ध कराया जा रहा है. जो किसान प्रशिक्षण प्राप्त कर लिए हैं उन्हें 90% अनुदान पर यह किट दिया जाएगा. अपने आसपास झोपड़ी एवं घरों में इसकी खेती कर इससे जैम, जेली ,अचार एवं कई उत्पाद को बनाकर बाजार में बेच सकते हैं. आय के स्रोत के लिए मछली पालन भी एक अच्छा साधन है. जिसके लिए सरकार मनरेगा योजना के तहत निजी जमीन पर भी तालाब की खुदाई कर रही है. तालाब की खुदाई कर मछली पालन भी कर सकते हैं. बदलते समय के साथ अब किसान समूह बनाकर मधुमक्खी पालन कर सकेंगे. इसके लिए भी उद्यान विभाग के तरफ से किसानों को मधुमक्खी बॉक्स दिया जा रहा है.जिसमें समूह के सदस्य इस योजना का लाभ ले सकते हैं. प्रखंड उद्यान पदाधिकारी मुन्ना कुमार सिंह ने बताया कि पर्यावरण को सुरक्षित रखने एवं आय के स्रोत में वृद्धि के लिए किसानों को पौधारोपण के लिए योजना है. जिसमें आम, केला, पपीता की बागवानी कर सकते हैं. जिसके लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया जारी है.इस मौके पर अभिषेक कुमार राय,कृषि समन्यवक दिलीप कुमार सिंह, किसान सलाहकार आत्मानंद मिश्रा, नंदजी सिंह, किसान बंशनारायण राम, मीना देवी, राधा कृष्ण सिंह, विजय सिंह, देवेंद्र सिंह के अलावा अन्य लोग मौजूद रहे.

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