रांची. जिला प्रशासन ने आगामी नौ अगस्त को पुराना जेल परिसर स्थित बिरसा मुंडा स्मृति पार्क में विश्व आदिवासी दिवस पर समारोह आयोजित करने का फैसला लिया है. यह फैसला करोड़ों रुपये खर्च कर तैयार किये गये पार्क के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है. समारोह के लिए पार्क परिसर में लगाये गये विशाल थंब इंप्रेशन को डिस्मेंटल करने की तैयारी है. लाखों खर्च कर लगाये गये थंब इंप्रेशन को डिस्मेंटल करने के बाद दोबारा लगाया जाना मुश्किल होगा. आयोजन के लिए स्टेज आदि के निर्माण से पार्क के पेड़-पौधों को क्षति पहुंचने की भी आशंका है.
पिछले साल तहस-नहस कर दिया गया था पार्क को
गत वर्ष भी विश्व आदिवासी दिवस पर बिरसा मुंडा स्मृति पार्क परिसर में समारोह आयोजित किया गया था. इसको लेकर पार्क को तहस-नहस कर दिया गया था. पेड़ काटे गये थे. पौधे उखाड़ कर स्टेज बनाया गया था. पार्क में लगे झूलों को भी नुकसान पहुंचा था. इसके अलावा अन्य चीजें भी क्षतिग्रस्त हुई थीं. उस समय पौधों को दोबारा लगाने की बात कही गयी थी, लेकिन हकीकत में कुछ नहीं किया गया. काटे और उखाड़े गये पेड़-पौधों को पार्क परिसर में ही सड़ने के लिए छोड़ दिया गया था. बाद में काफी राशि खर्च कर पार्क को दुरुस्त किया गया.स्थानीय लोगों का विरोध, कहा : मोरहाबादी या हरमू मैदान में हो आयोजन
बिरसा मुंडा स्मृति पार्क में विश्व आदिवासी दिवस मनाने का बिरसा मुंडा प्रतिमा निर्माण समिति व स्थानीय लोगों ने विरोध किया है. समिति के रवि मुंडा ने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस पर होने वाले आयोजन से किसी को आपत्ति नहीं है, लेकिन पार्क में समारोह करने से पेड़-पौधों को काफी नुकसान होगा. पार्क में लगे झूलों व अन्य संपत्ति के नुकसान की भी आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है. इस कारण आयोजन पार्क में न कर मोरहाबादी या हरमू मैदान में किया जाना चाहिए. दोनों ही स्थान खाली हैं और वहां कार्यक्रम के लिए पर्याप्त जगह भी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है