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बिहार में सरकारी भवनों के मेंटेनेंस की बनेगी पॉलिसी

राज्य में मौजूद सभी सरकारी भवनों के मेंटेनेंस की पॉलिसी बनेगी. इसके लिए भवन निर्माण विभाग में तैयारी जारी है. इसका मकसद राज्य में जर्जर हो चुके सरकारी भवनों को मरम्मत लायक होने पर उसे बेहतर बनाना है.

संवाददाता, पटना राज्य में मौजूद सभी सरकारी भवनों के मेंटेनेंस की पॉलिसी बनेगी. इसके लिए भवन निर्माण विभाग में तैयारी जारी है. इसका मकसद राज्य में जर्जर हो चुके सरकारी भवनों को मरम्मत लायक होने पर उसे बेहतर बनाना है. विभागीय निरीक्षण के दौरान ऐसे जर्जर भवनों को यदि नये तरीके से बनाने की जरूरत होगी तो विभाग उनको नये तरीके से बनवायेगा. ऐसे में किसी भी हादसे की आशंका को कम किया जा सकेगा. सूत्रों के अनुसार फिलहाल राज्य में पथ निर्माण विभाग की सड़कों के लिए मेंटेनेंस पॉलिसी बनी हुई है. यह पॉलिसी ओपीआरएमसी (आउटपुट एंड परफॉर्मेंस बेस्ड रोड ऐसेट मेंटेनेंस कॉन्ट्रेक्ट) 21 फरवरी, 2013 को पहली बार लागू की गयी. दूसरी बार इसे 2018 में सात वर्षों के लिए लागू किया गया है. इसी तर्ज पर अन्य विभाग भी अपने-अपने यहां मेंटेनेंस पॉलिसी लागू करने की तैयारी में जुटे हैं. सरकारी भवनों के मेंटेनेंस के तहत पूरे परिसर का बेहतर ढंग से साफ-सफाई, पेड़-पौधों का ठीक ढंग से रखरखाव सहित भवनों की सुरक्षा के साथ-साथ सभी चीजें व्यवस्थित रखना भी शामिल होगा. कई बेहतरीन सरकारी भवनों का किया गया है निर्माण राज्य में कई बेहतरीन सरकारी भवनों का निर्माण किया गया है. इसमें पटना में सरदार पटेल भवन, बिहार म्यूजियम, सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र काफी बेहतर बनाया गया है. साथ ही राजगीर में इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर बनाया गया है. हालांकि फिलहाल इन सबका मेंटेनेंस अच्छे ढंग से वहां की निजी व्यवस्था के स्तर से हो रहा है. ठेकेदार की जिम्मेदारी होगी पांच साल तक मेंटेनेंस की सूत्रों के अनुसार नये भवनों के निर्माण के लिए निर्माण एजेंसी के चयन के लिए टेंडर निकालने के समय ही उसकी शर्तों में कम- से -कम पांच साल के लिए मेंटेनेंस की शर्त को भी शामिल किया जायेगा. ऐसे में टेंडर के माध्यम से चयनित निर्माण एजेंसी को ही सरकारी भवनों को बनाने के बाद पांच साल तक के लिए मेंटेनेंस की भी जिम्मेदारी दी जायेगी. रखरखाव समय पर हो और सरकारी भवन बेहतर रहें, इसके लिए समय-समय पर विभागीय अभियंताओं को भी निरीक्षण कर इसकी रिपोर्ट मुख्यालय को देने की जिम्मेदारी तय की जायेगी. इससे समय से पहले सरकारी भवन जर्जर नहीं होंगे.

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