प्राथमिक विद्यालय भूदा का हाल
संवाददाता, धनबाद.
स्कूल भवन के जर्जर घोषित हुए नौ माह बीत गये हैं. हल्की बारिश में भी पूरे कमरे में पानी टपकता है. बरामदे में बैठकर किसी तरह बच्चे बढ़ते हैं. शिक्षकों के साथ ही बच्चों के अभिभावकों को हमेशा चिंता सताती रहती है कि कोई हादसा ना हो जाये. यह हाल है प्राथमिक विद्यालय भूदा का. यहां से पांचवीं तक की कक्षा संचालित होती है. बच्चे पढ़ाई करने आते हैं, लेकिन शिक्षा विभाग की नींद नहीं खुल रही है.39 बच्चे हैं नामांकित :
विद्यालय में 39 बच्चे नामांकित हैं. इसमें कक्षा एक में छह, दूसरी में सात, तीसरी में 14, चौथी में नौ और पांचवीं में तीन बच्चे नामांकित है. नित्य दिन 25 से अधिक बच्चों की उपस्थिति रहती है. बरामदे में बैठ पढ़ते हैं बच्चे : प्रभात खबर की टीम शनिवार की दोपहर 2.35 बजे जब विद्यालय पहुंची तो बरामदे में तिरपाल बिछा कर बच्चे बैठे हुए थे. वहीं शिक्षक उन्हें पढ़ा रहे थे. कमरे के अंदर गये तो सभी ओर सीपेज हो रहा था. भवन के अंदर रखे बेंच-डेस्क भी पानी में भींग कर खराब हो गये है. दूसरे भवन में किचन बनाया गया है, लेकिन इसकी स्थिति और भी खराब है. माता समिति के सदस्य इस जर्जर भवन में मध्याह्न भोजन तैयार करते हैं. उन्हें हमेशा हादसे का डर लगा रहता है.स्कूल के जरूरी सामान भी हो रहे खराब :
सरकारी राशि से खरीदे गये हजारों के सामान भी पानी के कारण खराब हो रहे हैं. इसमें जरूरी फाइल व अन्य सामान है. विद्यालय में थोड़ी भी ऐसी सुरक्षित जगह नहीं बची है, जहां सामानों को रखा जा सके.सामुदायिक भवन खोजा, पर विभाग की अनुमति का इंतजार :
भवन जर्जर होने पर शिक्षकों ने खुद ही स्थानीय लोगों की मदद से कक्षाओं के संचालन के लिए सामुदायिक भवन को देखा है. लोग यहां कक्षाओं के संचालन के लिए राजी हैं, लेकिन विभागीय अनुमति के इंतजार में बच्चों को जर्जर भवन में बैठाया जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है