Bihar Flood News: नेपाल के तराई क्षेत्रों में लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने बिहार के लोगों की मुश्किलें भी बढ़ा दी है. बिहार हर साल बाढ़ का दंश झेलता है. पहले उजड़ना और फिर बसना, बिहार के कई इलाकों के लोगों के लिए ये हर साल की कहानी है. इसबार भी अब बाढ़ की मार नजदीक दिख रही है. कोसी, गंडक समेत कई नदियों का जलस्तर जिस तरह बढ़ रहा है उससे लोगों की चिंता बढ़ी हुई है. कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस चुका है. लोग अपना घर-मकान छोड़कर सुरक्षित जगह की ओर पलायन करने लगे हैं. वहीं बराजों से अब और खतरनाक संकेत मिल रहे हैं. कोसी बराज और गंडक बराज के सभी फाटक खोल दिए गए हैं.
कोसी बराज के सभी फाटक खोले गए…
बिहार का सुपौल जिला कोसी नदी के रौद्र रूप को सहता है. कई गांव बाढ़ की चपेट में हर साल आते हैं. पिछले कुछ दिनों से नेपाल में हो रही बारिश ने कोसी नदी का जलस्तर बढ़ा दिया है. कोसी की सहायक नदियों का भी पानी बढ़ा है जिससे कोसी उफनाई हुई है. वहीं वीरपुर बराज के 56 में 56 फाटक रविवार को खोल दिए गए. इस साल सबसे अधिक पानी यहां छोड़ा गया जिसके कारण बराज की लाल बत्ती भी जला दी गयी. ताजा जानकारी के अनुसार, रविवार को दोपहर 1 बजे के आंकड़े के मुताबिक, बराज से 3 लाख 86 हजार 735 क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका था. बताते चलें कि शनिवार को ही 36 फाटक खोलने पड़े थे. रविवार को बराज के सभी फाटक खोल दिए गए हैं.
बराज पर लाल बत्ती जलायी गयी
बराज पर लाल बत्ती और लाल झंडे की कहानी कुछ ऐसी है कि ये वर्तमान स्थिति को बताता है और संभावित खतरे को लेकर लोगों को अलर्ट करता है. कोसी बराज पर पहले एक के बाद एक करके दो झंडे लगाए गए थे. अब लाल बत्ती जला दी गयी है. दरअसल, जब बराज पर 2 लाख क्यूसेक से अधिक पानी रिकॉर्ड किया जाता है तो दो झंडा लगाने की औपचारिकता पूरी की जाती है. नियम के अनुसार, बराज स्थित कंट्रोल रूम हर घंटे पर नदी के मापांक को प्रसारित करता है. नदी का जलस्तर जब बढ़ने लगता है तो आम लोगों को सतर्क करने के लिए सूचनार्थ यह झंडा लगाया जाता है. जब नदी का जलस्तर 1.5 लाख क्यूसेक पार करता है तो कोसी बराज पर एक झंडा लगाया जाता है. जब दो लाख क्यूसेक का लेवल पानी पार करता है तो बराज पर दोनो ओर झंडे टांगे जाते हैं. वहीं जब जलस्तर तीन लाख क्यूसेक को पार कर जाता है तो बराज पर लाल बत्ती जलाकर लोगों को हाई अलर्ट किया जाता है.
गंडक बराज के सभी फाटक खोल दिए गए
वहीं दूसरी ओर नेपाल में भारी बारिश और गंडक बराज से पानी डिस्चार्ज किये जाने से गंडक नदी उफान पर है. अगले 48 घंटे में नेपाल से करीब 5 लाख क्यूसेक पानी आने की संभावना है. गंडक नदी से इस वर्ष सर्वाधिक 3.14 लाख क्यूसेक डिस्चार्ज किया गया है. यहां तटबंध के अंदर बसे गांव पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. पश्चिमी चंपारण के वाल्मीकिनगर में गंडक बराज के कार्यपालक अभियंता सियाराम पासवान ने बताया कि गंडक बराज के सभी 36 फाटक को खोल दिया गया. गंडक बराज पर तैनात सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को हाई अलर्ट कर दिया गया. पश्चिमी चंपारण और गोपालगंज में नीचले इलाके के लोग अब सुरक्षित जगहों की ओर पलायन करने लगे हैं.