गोपालगंज. नेपाल में भारी बारिश और वाल्मीकिनगर बराज से गंडक नदी में साढ़े चार लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किये जाने के बाद नदी उफान पर है. रविवार को गंडक नदी का पानी निचले इलाकों में तेजी से फैलने लगा. आबादी वाले गांव की ओर गंडक नदी का पानी फैलने से निचला इलाका जलमग्न हो गया. रात होते ही सरकारी स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, मंदिर-मस्जिद सब डूबने लगे. एहतियातन सोमवार को इलाके के प्रभावित सभी सरकारी स्कूलों का बंद करनी पड़ेगी. सोमवार की सुबह तक गंडक नदी में साढ़े चार लाख क्यूसेक पानी पहुंच जायेगा. ऐसे में नदी के जल स्तर में और वृद्धि होने की संभावना है. डीएम मोहम्मद मकसूद आलम ने जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ गंडक नदी के तटबंधों का निरीक्षण किया. रात में भी डीएम ने सत्तर घाट समेत अन्य तटबंधों का निरीक्षण किया और अधिकारियों को कई निर्देश दिये. सारण तटबंध के अलावा पतहरा छरकी, रिंग बांध, सत्तर घाट बांध समेत कई जगहों पर नदी का दबाव बना हुआ है. वहीं, नदी का पानी बढ़ने से सदर प्रखंड के मेहंदिया, जगिरी टोला, कमल चौधरी के टोला, रामनगर आदि गांव जलमग्न हो गये. जगिरी टोला में मिडिल स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, प्लस-टू स्कूल रामनगर में भी पानी प्रवेश कर गया. इलाके के लोग सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए माल-मवेशियों के साथ निकलने लगे हैं. वहीं, प्रशासन की ओर से इस इलाके में पीड़ितों के लिए कोई मदद नहीं पहुंची है. जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक सुबह में गंडक नदी का जल स्तर चार लाख 40 हजार क्यूसेक पार कर चुका था, लेकिन शाम के पांच बजे यह जल स्तर घटकर तीन लाख 88 हजार तक पहुंच गया. अधिकारियों ने सोमवार के बाद से जल स्तर में कमी होने की उम्मीद जतायी है. बैकुंठपुर संवाददाता के अनुसार प्रखंड में सारण मुख्य तटबंध एवं जमींदारी बांध पर गंडक नदी के पानी का दबाव रविवार से शुरू हो गया है. मुंजा डी स्पर एवं मटियारी इ स्पर पर पानी का दबाव बना हुआ है. सलेमपुर टर्निंग प्वाइंट पर भी गंडक नदी की धारा तटबंध के किनारे से टकरा रही है. जल संसाधन विभाग के अभियंता दवा वाले जगह पर कैंप कर रहे हैं. अंचल पदाधिकारी गौतम कुमार सिंह गंडक नदी के तटवर्ती इलाके में बसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए अपील कर रहे थे. बैकुंठपुर के डुमरियाघाट से लेकर आशा खैरा तक माइक से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है ताकि लोग जल स्तर बढ़ने से पहले सुरक्षित स्थान पर चले जाएं. पंचायत स्तर पर सामुदायिक रसोई शुरू करने की तैयारी भी चल रही है. इसके लिए स्थल का चयन कर लिया गया है. प्रखंड विकास पदाधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि गंडक नदी की धारा उग्र रूप ले चुकी है. गंडक नदी की बढ़ती धारा से डुमरियाघाट स्थित नारायणी रिवर फ्रंट की सीढ़ियां डूब रही हैं. लोगों को माल मवेशियों के साथ सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए अपील की जा रही है ताकि जल स्तर बढ़ने के दौरान किसी तरह की अफरातफरी उत्पन्न नहीं हो सके. बीडीओ ने बताया कि क्षेत्र में नाव की व्यवस्था शुरू कर दी गयी है. आवश्यकता के अनुसार एनडीआरएफ की टीम भी बुलायी जायेगी.
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