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एक घंटा बाधित रहा इमरजेंसी

घंटों ओपीडी एवं इमरजेंसी चिकित्सक के अभाव में खाली रह रहा है. मरीज चिकित्सक के अभाव में इधर-उधर भटक रहे हैं.

मोतिहारी. भव्या पोर्टल का लांच इसलिए किया गया कि लेट-लतीफे चिकित्सकों पर अंकुश लगाया जाए. साथ ही इलाज के लिए आये रोगियों का पूरा ब्योरा चिकित्सक द्वारा ऑनलाइन किया जा सके, ताकि मरीजों को किसी तरह का पूर्जा या जांच रिपोर्ट लेकर इधर-उधर भटकना नहीं पड़े. मरीज अपनी सुविधा के अनुसार राज्य के किसी भी अस्पताल में अपना पेपरलेस इलाज करवा सके. हालात है कि पूर्वी चंपारण जिला में चिकित्सकों के लेट-लतिफी की आदत छूट नहीं रही हैं. घंटों ओपीडी एवं इमरजेंसी चिकित्सक के अभाव में खाली रह रहा है. मरीज चिकित्सक के अभाव में इधर-उधर भटक रहे हैं. रविवार को भी कुछ ऐसा ही हुआ. इमरजेंसी के सेकेंड शिफ्ट में डाॅ सुभाषचंद्र बोस की डयूटी थी, लेकिन 02 बजे से 03 बजे तक इमरजेंसी खाली रहा. मरीज अपना पंजीयन कराकर इधर-उधर भटकते रहे और रह-रह कर इमरजेंसी में जाकर देखते कि चिकित्सक आये की नहीं. करीब एक घंटे बाद चिकित्सक आए और मरीजों को देखना शुरू किया. भव्या पोर्टल का सदर अस्पताल में गिर रहा ग्राफ जिले में सबसे ज्यादा भव्या पोर्टल का ग्राफ सदर अस्पताल में गिरा है. इसका कारण लेट-लतिफ चिकत्सकों का होना. भव्या पोर्टल के प्रति चिकित्सकों में अभी रुचि न दिखाना माना जा रहा है, जबकि मॉनिटरिंग के लिए राज्य सरकार की ओर से एक कंट्रोल रूम खोला गया है, उसमें अधिकारी वर्ग के लोग रहते है. बावजूद इसके ग्राफ बढ़ने के बदले गिरता ही नजर आ रहा है. क्या कहते हैं अधिकारी चिकित्सकों में इच्छाशक्ति के कमी के कारण ऐसा हो रहा है. अमन अमानुल्लाह, मूल्यांकन व अनुश्रवण पदाधिकारी, जिला स्वास्थ्य समिति, पूचं.

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