मझौलिया. कृषि विज्ञान केंद्र, माधोपुर, के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ अभिषेक प्रताप सिंह ने ग्राम जमुनिया थाना जगदीशपुर में प्रक्षेत्र भ्रमण के दौरान देखा कि विगत दिनों से लगातार बारिश की वजह से सब्जी की फसल में पानी लगा हुआ है एवं कुछ पौधों में बहुत अधिक मात्रा में रस सूचक कीटों का प्रकोप है. साथ ही साथ नीचे की पत्तियों में फंगस का भी प्रकोप दिखाई दे रहा है.उन्होंने किसानों को बताया कि बरसात के पानी को तत्काल निकालने की व्यवस्था करें एवं फसलों में छोटे-छोटे उड़ने एवं रस चूसने वाले कीड़ों के लिए इमिडाक्लोरप्रिड 70 डब्ल्यूपी की दो ग्राम मात्रा को 15 लीटर पानी में घोल बनाकर दस दिनों के अंतराल पर छिड़काव करते रहें. इसके अलावा इसके अलावा सुरक्षित फंफूदनाशक ट्राइकोडर्मा को 1.5 से लेकर 2 किलोग्राम को 10 से 15 किलोग्राम सड़े हुए गोबर की खाद अथवा वर्मी कंपोस्ट में मिलाकर पौधे के जड़ के समीप डालकर उसे मिट्टी में मिला दें. जिससे जल निकासी के बाद पौधा सूखने एवं पौध सड़ने की समस्या नहीं होगी. उन्होंने बताया कि कुछ पौधों में पोषक तत्व की कमी के लक्षण दिखाई दे रहे थे तो बताया गया कि सूक्ष्म पोषक तत्व का छिड़काव करना आवश्यक होगा. डॉ सिंह ने बताया कि दवा एवं पोषक तत्वों का छिड़काव शाम के समय करना चाहिए. उपस्थित किसानों को यह भी बताया गया कि इस बारिश में धान की फसल को संतुलित मात्रा में पोषक तत्व एवं पौधे की जड़ों का उपचार करके लगाया जाए. ताकि फसल स्वस्थ एवं अच्छा उत्पादन दे सकें.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है