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कटरा :: सड़क पर बहने लगा दो फुट पानी, पीपा पुल से आवागमन बंद

बगमती नदी के जल स्तर में वृद्धि होने से प्रखंड मुख्यालय स्थित बागमती नदी पर निर्मित पीपा पुल सहित शंभु कुमार भगत के घर के निकट सड़क पर लगभग दो फीट पानी का बहाव होने के कारण प्रखंड के उत्तरी हिस्से की 14 पंचायतों का प्रखंड मुख्यालय से सड़क संपर्क भंग हो गया है.

बागमती नदी का जलस्तर बढ़ने से 14 पंचायतों का प्रखंड मुख्यालय से फिर संपर्क टूटा 25 गांवों के एक लाख लोगों को दो से 10 किमी की जगह 40 किमी दूरी तय करनी पड़ेगी प्रतिनिधि, कटराबगमती नदी के जल स्तर में वृद्धि होने से प्रखंड मुख्यालय स्थित बागमती नदी पर निर्मित पीपा पुल सहित शंभु कुमार भगत के घर के निकट सड़क पर लगभग दो फीट पानी का बहाव होने के कारण प्रखंड के उत्तरी हिस्से की 14 पंचायतों का प्रखंड मुख्यालय से सड़क संपर्क भंग हो गया है. बकुची निवासी हंसराज भगत, धर्मेन्द्र कमती ने कहा कि जल स्तर में वृद्घि होने से प्रखंड के बसघट्टा, चंगेल, कटाई, पहसौल, लखनपुर, यजुआर मध्य, यजुआर पश्चिम, यजुआर पूर्वी, बेलपकना, बंधपुरा, तेहबरा, बर्री, नगवरा सहित अन्य पंचायत के लगभग 25 गांव के लगभग एक लाख की आबादी को प्रखंड मुख्यालय तक आने के लिए दो से 10 किलोमीटर की दूरी की जगह 40 किलोमीटर की दूरी भाया बेनीबाद, गायघाट, जारंग, भूसरा होते हुए प्रखंड मुख्यालय तक आना पड़ता है. वहीं, प्रखंड के बकुची, नवादा, गंगेया, वर्री, पतारी, अनदामा गांव के निचले हिस्से में बाढ़ का पानी फैल जाने से लोगों को बाढ़ की चिंता सताने लगी है. सीओ मधुमिता कुमारी ने कहा कि प्रशासनिक स्तर पर बाढ़ की तैयारी पूरी कर ली गयी है. प्रशासन सभी तरह की बाढ़ की समस्या से निपटने के लिए तैयार है. ———————— औराई :: बागमती नदी का जलस्तर बढ़ा, दर्जनभर गांवों के चंवर में फैला पानी औराई. बागमती नदी के जलस्तर में रविवार की सुबह से ही लगातार वृद्धि जारी है़ बाढ़ का पानी विस्थापित एक दर्जन गांवों के चंवर में फैल गया है. नदी के पानी से कई पगडंडी डूब चुकी है़ नाव से आवागमन शुरू हो गया है. जलस्तर में वृद्धि होने से सबसे ज्यादा समस्या विस्थापित बभनगामा पश्चिम, चैनपुर, महुआरा, बाड़ा खुर्द, बाड़ा बुजुर्ग समेत एक दर्जन विस्थापित गांव के सैकड़ों परिवार के समक्ष है. बभनगामा पश्चिमी पंचायत के पंसस सत्यनारायण चौधरी ने बताया कि सरकारी नाव नहीं मिलने के कारण स्थानीय स्तर पर लोग एक निजी नाव के सहारे आवागमन करने पर विवश हैं. बच्चे की पढ़ाई से लेकर हाट बाजार तक करने में घोर समस्या हो रही है, फिर भी आंचल द्वारा सरकारी नाव की व्यवस्था नहीं की गयी है.

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