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75 वर्ष या उससे अधिक उम्र के पेंशनर को आइटी रिटर्न जरूरी नहीं

75 वर्ष या उससे अधिक उम्र के पेंशनर को आइटी रिटर्न जरूरी नहीं

म्युचुअल फंड, एफडी और अन्य स्रोतो से आय पर देना होगा रिटर्न उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर 75 वर्ष या उससे अधिक के पेंशनर को आयकर रिटर्न देना जरूरी नहीं है, यदि उनकी आय सिर्फ पेंशन से हो, यदि उनका बैंक में एफडी, म्युचुअल फंड, अन्य सेविंग राशि हो, जिस पर ब्याज मिलता हो, या आय का कोई अन्य स्रोत हो तो उनके लिये आयकर रिटर्न अनिवार्य है. टैक्सेशन बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप कुमार वर्मा ने बताया कि आयकर रिटर्न की अंतिम तिथि 31 जुलाई है. बुजुर्गों में इस बात को लेकर भ्रम है कि उम्र के हिसाब से उन्हें आयकर रिटर्न नहीं भरना है. लेकिन आयकर अधिनयिम की धारा 194पी ऐसे बुजुर्गों को यह छूट नहीं देती है, जिनकी आय पेंशन के अलावा अन्य स्रोत से होती हो. कई वेतनभोगी मानते हैं कि यदि उनके वेतन से उचित टीडीएस काटा गया है तो उन्हें रिटर्न दाखिल करने की आवश्यकता नहीं है. वे अधिकांश श्रोतों पर टीडीएस को ही पूर्ण अनुपालन मानते हैं, यह सही नहीं है. जब किसी व्यक्तिगत करदाता की आय किसी वित्तीय वर्ष में मूल छूट सीमा से कम होती है तो कर देयता शून्य होती है. ऐसे व्यक्ति आयकर अधिनियम 1961 कि धारा 139(1) के प्रावधान के अनुसार आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए बाध्य नहीं है. ये लोग शून्य रिटर्न दाखिल कर सकते हैं, लेकिन अगर सकल कुल आय मूल छूट सीमा से अधिक तो रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य है. पुरानी टैक्स ( कर) व्यवस्था के तहत मूल छूट सीमा 60 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति के लिए 2.5 लाख रुपए, 60 वर्ष से अधिक लेकिन 80 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति के लिए ती लाख रुपए, 80 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति के लिए पांच लाख रुपए है. नयी टैक्स (कर) व्यवस्था के तहत सभी श्रेणियों के करदाताओं के लिए मूल छूट सीमा तीन लाख रुपए है.

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