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आम से दोगुना मंहगा हुआ टमाटर

महाराजगंज. सब्जी खरीदारों को महंगाई का जोरदार झटका लग रहा है कुछ को छोड़ दें तो प्राय सब्जियों की कीमत 40 रुपये प्रति किलो के पार हो गयी है. नौबत ऐसी कि आम से दोगुना महंगा टमाटर है तो कीमत के मामले में ब्यॉलर मुर्गा को हरी मिर्च पटखनी दे रही है.

संवाददाता ,महाराजगंज. सब्जी खरीदारों को महंगाई का जोरदार झटका लग रहा है कुछ को छोड़ दें तो प्राय सब्जियों की कीमत 40 रुपये प्रति किलो के पार हो गयी है. नौबत ऐसी कि आम से दोगुना महंगा टमाटर है तो कीमत के मामले में ब्यॉलर मुर्गा को हरी मिर्च पटखनी दे रही है. पहले अधिक गर्मी तो अब लगातार हो रही बारिश के कारण सब्जियों की उपज आधी हो गयी है. मांग अधिक और उपज कम के कारण दाम घटने का नाम नहीं ले रहा है. महाराजगंज सब्जी मंडियों में इन दिनों महंगाई की आग लगी है. खरीदारों को समझ में नहीं आ रहा कि क्या खरीदें और क्या न खरीदें. महाराजगंज के आसपास सिकटिया, पोखरा, इन्दौली, कसदेवरा आदि इलाके में बड़े पैमाने पर खेती की जाती है. अभी खेतों में कद्दू, बोड़ा, भिण्डी, करैला, परोर, खीरा आदि सब्जी की फसलें लगी हैं. सिकटिया गांव के किसान धनंजय यादव, आशानगर के रौशन कुमार, दीपनगर के राकेश कुमार व अन्य कहते हैं कि गर्मी से राहत मिली तो बारिश ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया. पौधों में फूल तो निकल रहे हैं. लेकिन जुलाई की शुरुआत से लगातार हो रही बारिश के कारण फूल गंदे हो जाने से फल नहीं लग रहे. उपज आधी हो गयी है. सब्जियों के बढ़े दाम से किचेन का जायका बिगड़ रहा है. घर के बजट पर भी महंगी सब्जियां असर डाल रही है. बाजार में कहीं 50 रुपए तो कहीं 60 रुपए किलो बिक रहा है परवल.जबकि, मंडियों में महंगाई इतनी कि मुर्गा से ज्यादा कीमत में हरी मिर्च मिल रही है.150 रुपए किलो ब्यॉलयर मुर्गा है तो 150 से 180 रुपए किलो हरी मिर्च. 100 रुपये टमाटर तो 70 रुपए किलो आम बिक रहा है. क्यों बढ़े सब्जियों के दाम पोखरा गांव के किसान राकेश कुमार, मनोज प्रसाद व शंकर कुमार का कहते हैं कि मौसम की बेरुखी और लगातार हो रही बारिश के बीच किसान पीस रहे हैं. कभी तेज धूप के कारण फसलें मारी जाती हैं तो कभी जोरदार बारिश से खेतों में जलभराव हो जाता है. इसके कारण लत्तर वाली सब्जियों के पौधे बर्बाद हो जाते हैं. किसान को कम, व्यापारी को अधिक मुनाफा शहर के आसपास के किसान सब्जी मंडी में सब्जियां थोक बिक्रेताओं को देते हैं. मंडी से सब्जियों को खुदरा दुकानों तक पहुंचते-पहुंचते प्रति किलो 20 से 25 रुपए दाम बढ़ जाता है. इस कारण मेहनतकश किसानों को कम तो व्यापारियों को अधिक मुनाफा मिलता है. नौबत ऐसी कि सौ रुपए की सब्जी थैले में कहां गुम हो जा रही हैं. अभी दाम घटने के आसार कम किसानों का कहना है कि जबतक मौसम अनुकूल नहीं होगा, तबतक सब्जियों की कीमत में कमी के आसार बहुत कम हैं. फिलहाल महंगी सब्जियों से ही काम चलाना पड़ेगा. लगातार हो रही बारिश के कारण कद्दू, परोर और करैला की फसलों को काफी नुकसान हुआ है.नयी फसलें लगी हैं. लेकिन अभी उपज मिलने में सप्ताह दो सप्ताह देर है.वहीं लगातार बारिश होने से खेत में पानी लग गया है.

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