Muzaffarpur News: बरसात के बीच मुजफ्फरपुर शहर में चल रहे निर्माण कार्य की सही मॉनिटरिंग नहीं होने से तय डेडलाइन पर कार्य पूरा नहीं हो पा रहा है. इससे शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को संभालना पुलिस के लिए चुनौती पूर्ण कार्य बन गया है. निर्माण स्थल के आसपास रहने वाले लोगों को भी घर से निकलना मुश्किल हो गया है. व्यवसाय पूरी तरह चौपट है. दुकान व शोरूम तो खुल रहे हैं. लेकिन, दो दिनों से बोहनी तक पर आफत है. यह परेशानी किसी खास इलाके की नहीं है. बल्कि, शहर में दक्षिणी एवं उत्तरी इलाके से इंट्री करने के मुख्य रोड यानी कलमबाग चौक एवं सरैयागंज टावर-सिकंदरपुर रोड की है.
जाम से जूझ रही जनता
सोमवार को भी निर्माण कार्य के कारण दोनों जगहों पर रोड ब्लॉक रहा. इससे इन दोनों जगहों पर पूरे दिन लोगों को जाम की भीषण समस्याओं से जूझना पड़ा. स्थिति बिगड़ गई. तब दोपहर बाद कलमबाग चौक एवं सरैयागंज टावर के समीप ट्रैफिक संभालने की ड्यूटी में लगे पुलिसकर्मी ही बैरिकेडिंग को हटा बाइक व छोटी गाड़ियों की इंट्री देना शुरू कर दिया. इससे बाइक व छोटी गाड़ियों पर सवार लोगों को थोड़ी राहत मिली. लेकिन, जाम की समस्या पूरे दिन बना रहा.
सुबह छह बजे तक खोल देना था रोड, रात तक रहा ब्लॉक
सरैयागंज टावर-सिकंदरपुर रोड को सोमवार की सुबह छह बजे तक खोल देना था. नगर आयुक्त नवीन कुमार ने बिहार नगरपालिका अधिनियम की धारा 310 के तहत रोड को ब्लॉक करने का आदेश दिया था. इसी तरह कलमबाग चौक को भी पिछले शनिवार की रात से रविवार की आधी तक के लिए ब्लॉक किया गया था.
कलमबाग चौक पर कल्वर्ट बनाया गया है. वहीं, सरैयागंज टावर-सिकंदरपुर चौक के बीच सीवरेज की पाइपलाइन बिछाने के बाद रोड-रीस्ट्रोशन का कार्य करना है. लेकिन, निर्माण एजेंसी तय समय-सीमा के भीतर दोनों में से कहीं भी कार्य पूर्ण नहीं की है. इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
रोड ब्लॉक करने से 24 घंटे पहले करना है सूचना प्रकाशित
शहरी क्षेत्र में किसी भी रोड को ब्लॉक करने से पहले नियम के अनुसार 24 घंटे पहले सार्वजनिक सूचना प्रकाशित कर पब्लिक को सूचित करना है. साथ ही जिस जगह रोड को ब्लॉक किया जाता है. उसके आसपास से कौन सा वैकल्पिक मार्ग होगा, जिससे लोग आ-जा सकते हैं. इसकी भी जानकारी देना है. लेकिन, स्मार्ट सिटी एवं नगर निगम ऐसा नहीं करता है.
रोड के ब्लॉक करने के साथ सोशल मीडिया पर एक सार्वजनिक सूचना प्रकाशित कर खानापूर्ति कर ले रहा है. इसी का नतीजा है कि लोगों को परेशानी होती है. सबसे ज्यादा परेशानी, गांव-देहात से शहर आने वाले लोगों को होती है. निर्माण स्थल पर पहुंच आगे जाने के लिए अगल-बगल के रास्ते खोजना उनके लिए मुश्किल बन जाता है.