बिहारशरीफ. बिना सूचना के ड्यूटी से गायब रहने वाले डॉक्टर से लेकर स्वास्थ्यकर्मी तक अब पूरी तरह से अलर्ट हो जायें. ड्यूटी में लेटलतीफी व थिथिलता नहीं चलने वाली है. नवपदस्थापित सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र कुमार सिंह इन दिनों जिले के अस्पतालों की चिकित्सा व्यवस्था का जायजा लेने के लिए अस्पतालों की औचक जांच शुरू कर दी है. बिना सूचना के गायब रहने वाले कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. सिविल सर्जन डॉ सिंह ने सोमवार को जिले के तीन अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान कई चिकित्सक व कर्मी ड्यूटी से गायब पाये गये. बिना सूचना के ड्यूटी से गायब रहने वालों के खिलाफ कार्रवाई की है. कार्रवाई की जद में तीन डॉक्टर समेत पांच कर्मी आये हैं. इन सबों से जवाब-तलब करते हुए अनुपस्थित अवधि के वेतन भुगतान पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है. संबंधित लोगों से स्पष्टीकरण का जवाब शीघ्र देने को कहा गया है. जवाब संतोषप्रद नहीं रहने पर सख्त कार्रवाई की जायेगी. हरनौत, चंडी व नूरसराय अस्पतालों का निरीक्षण किया. हरनौत पीएचसी के निरीक्षण में डॉक्टर व कर्मियों के रोस्टर चार्ट प्रदर्शित नहीं पाये गये सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र कुमार सिंह ने सोमवार को जिले के चंडी रेफरल अस्पताल, हरनौत पीएचसी व नूरसराय पीएचसी की औचक जांच की. सीएस ने हरनौत पीएचसी का सुबह साढ़े ग्यारह बजे औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी समेत चार चिकित्सा पदाधिकारी ड्यूटी पर तैनात पाये गये. जबकि एक चिकित्सक अवकाश पर थे. निरीक्षण के वक्त ओपीडी में डॉ. महेश कुमार व डॉ. अंकिता कुमारी के द्वारा कुल 68 मरीजों का किया गया था तथा दस मरीज भव्या पोर्टल पर प्रतीक्षारत थे. डिस्पले बोर्ड पर दवा की अद्यतन स्थिति प्रदर्शित नहीं थी. पूछने पर बताया गया कि ओपीडी में 145 व आइपीडी में 61 प्रकार की दवा उपलब्ध हैं. प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक को निर्देश दिया गया कि हर दिन दवा की अद्तन रिपोर्ट दर्ज करें. इतना ही नहीं रोस्टर ड्यूटी डिस्पले बोर्ड पर डॉक्टर व कर्मियों का रोस्टर चार्ट प्रदर्शित नहीं था. रोस्टर चार्ट बनाकर उपलब्ध कराने का निर्देश स्वास्थ्य प्रबंधक को दिया गया . सीएस ने बताया कि प्रसव कक्ष का निरीक्षण के वक्त तक तीन प्रसूताओं का संस्थागत प्रसव कराया गया था और दो प्रतीक्षारत थी. पैथोलॉजी में दस मरीजों की जांच की गयी थी. निरीक्षण के वक्त प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि सीएचसी का नया भवन का निर्माण होना है. पीएचसी को परिसदन में शिफ्ट कर अस्पताल का कार्य प्रारंभ किया जायेगा. जिसकी स्वीकृति अभी प्राप्त नहीं हुई है. सीएस ने कहा कि वे स्वयं रूचि लेकर संबंधित पदाधिकारी से संपर्क कर भवन निर्माण कार्य प्रारंभ कराना सुनिश्चित करें. चंडी रेफरल अस्पताल में दवा की उपलब्धता डिस्पले बोर्ड पर प्रदर्शित नहीं पाया गया सीएस डॉ. सिंह ने बताया कि चंडी रेफरल अस्पताल की औचक में प्रभारी समेत तीन डॉक्टर ड्यूटी पर तैनात पाये गये. ओपीडी में डॉ. संतोष कांत व डॉ. कमलेश कुमार के द्वारा साढ़े बारह बजे दिन तक 148 मरीजों का इलाज किया जा चुका था. परंतु डिस्पले बोर्ड पर दवा की उपलब्धता प्रदर्शित नहीं थी. इस बारे में बताया गया कि पूर्व फार्मासिस्ट द्वारा दवा भंडार का संपूर्ण प्रभार नहीं दिया गया है. प्रभारी को निर्देश दिया गया कि एक सप्ताह के अंदर प्रभार ग्रहण कर प्रतिवेदन उपलब्ध करायें. स्वास्थ्य प्रबंधक को निर्देश दिया गया कि डॉक्टर व कर्मियों का रोस्टर चार्ट बनाकर उपलब्ध करायें. प्रसव कक्ष में दो का प्रसव हुआ था. इस कक्ष का एसी खराब पाया गया. लैब में कुल 22 मरीजों की जांच की थी. साथ ही एक्सरे में 35 रोगियों का एक्सरे किया गया था. नूरसराय में तीन डॉक्टर समेत पांच कर्मी पाये गये गायब सीएस डॉ. सिंह ने बताया कि नूरसराय पीएचसी के निरीक्षण के दौरान तीन डॉक्टर समेत पांच कर्मी ड्यूटी से अनुपस्थित पाये गये. निरीक्षण के वक्त दोपहर डेढ़ बजे तक डॉ. अविनाश अलंकार , डॉ. संदीप कुमार सिन्हा, डॉ. अनिल कुमार प्रशिक्षु आयुष चिकित्सा पदाधिकारी, चतुर्थवर्गीय कर्मचारी सुनील कुमार रविदास पांच जुलाई से आठ जुलाई तक अनुपस्थित गये. एएनएम श्रीमती मंजु सिंहा आठ जुलाई को अनुपस्थित पायी गयीं. यहां पर भी दवा की उपलब्धता प्रदर्शित नहीं पायी गयी. ओपीडी में 168 व आइपीडी में 47 तरह की दवा उपलब्ध थी. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि अनुपस्थित डॉक्टरों व कर्मियों से शोकॉज का जवाब प्राप्त कर प्रतिवेदन उपलब्ध करायें. अनुपस्थित अवधि के वेतन पर अगले आदेश तक रोक रहेगी.
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