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नवादा जिले से पहुंचा था सीटीइटी का सॉल्वर, 50 हजार में हुआ था सौदा

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसइ) द्वारा आयोजित सीटीइटी की परीक्षा में पकड़े गये दोनों सॉल्वर को सोमवार को कड़ी सुरक्षा के बीच पूछताछ करने के बाद जेल भेज दिया गया.

गोपालगंज. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसइ) द्वारा आयोजित सीटीइटी की परीक्षा में पकड़े गये दोनों सॉल्वर को सोमवार को कड़ी सुरक्षा के बीच पूछताछ करने के बाद जेल भेज दिया गया. जेल भेजे गये सॉल्वर में एक नवादा जिले के तहवल का निवासी नागेश्वर शर्मा का पुत्र विजय कुमार दूबे बताया गया, जो नगर थाना क्षेत्र के श्री भारती एकेडमी में सुभाष चंद्र के पुत्र शिवानंद तिवारी के बदले एग्जाम दे रहा था. पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद सॉल्वर को जेल भेज दिया. वहीं, पूछताछ में सॉल्वर ने कई खुलासे किये हैं. पुलिस सूत्रों के अनुसार गिरफ्तार सॉल्वर ने बताया है कि उसे एग्जाम में बैठने के लिए 50 हजार रुपये मिले थे. वहीं, कैंडिटेड्स से सॉल्वर गैंग ने डेढ़ लाख रुपये का सौदा किया था. एग्जाम के लिए 50 हजार रुपये एडवांस लिये गये थे और बाकी पैसा रिजल्ट आने के बाद देना था. सॉल्वर गिरोह से जुड़े कई लोगों के नाम भी सामने आये हैं. पुलिस इस गिरोह में शामिल सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है. बता दें कि रविवार को हुई सीटीइटी की परीक्षा में दूसरे के बदले एग्जाम देने के मामले में गोपालगंज में दो मुन्ना भाइयों की गिरफ्तारी हुई थी. इसमें एसएस पब्लिक स्कूल दिघवा-दुबौली और श्री भारती एकेडमी परीक्षा केंद्र से दोनों फर्जी परीक्षार्थी गिरफ्तार किये गये. वहीं दूसरी ओर एक अन्य मामले में अपनी जगह पर किसी और को बैठाकर विभागीय परीक्षा दिलाने वाले एसपी कार्यालय के लिपिक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है. एसपी स्वर्ण प्रभात के निर्देश पर नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी. दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि एक मार्च 2023 को राजस्व पर्षद की ओर से विभागीय परीक्षा का आयोजन किया गया था. सीबीटी मोड में ऑनलाइन परीक्षा हो रही थी. जांच के क्रम में पाया गया कि आरोपित लिपिक के स्थान पर कोई अन्य युवक बैठा हुआ है. एडमिट कार्ड से युवक चेहरा मिलान करने पर पहचान हुई. वीक्षक के द्वारा जांच की ही जा रही थी कि परीक्षा दे रहा युवक निकलकर फरार हो गया. इसके कुछ देर बाद ही लिपिक अनीश कुमार सिंह परीक्षा हॉल में पहुंचे और देर हो जाने की बात कही. लेकिन काफी देर होने के कारण उन्हें बैठने की अनुमति नहीं दी गयी. इसी मामले में राजस्व परिषद के कार्यालय द्वारा लिपिक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की अनुशंसा की गयी थी. पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने इस संबंध में नगर थाने में प्राथमिक दर्ज करने का आदेश दिया था. प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है और लिपिक के खिलाफ जांच-पड़ताल जारी है.

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