फाइल-16- नगर के ज्योति प्रकाश चौक पर बना मुख्य पुल के दोनों छोर पर बाहर आया पुल की सरिया
-नगर के बीचों बीच बना मुख्य पुल के गुणवत्ता पर उठने लगे सवाल
-इसी योजना के तहत पुल के साथ जेल पइन रोड के मुहाने पर बना पुलिया हो गया ध्वस्त, आवागमन बाधित
8 जुलाई- फोटो-13- ज्योति प्रकाश पुल की निकली सरिया
8 जुलाई- फोटो-14- जेल पइन रोड के मुहाने पर बनी टूटी पुलिया
8 जुलाई- फोटो-15- टुटी पुलिया से पार करने के दौरान फंसा ट्रैक्टर
बक्सर. नगर के बीचों बीच पथ निर्माण विभाग से बने ज्योति प्रकाश चौेक स्थित सोन नहर पर सड़क की गुणवत्ता पर सवाल उठते रहे है. अब ज्योति प्रकाश चौक पर बने पुल की गुणवत्ता पर भी सवाल उठने लगे है. यह हम नहीं बल्कि पुल की वर्तमान स्थिति को देखकर आम लोगों ने करना शुरू कर दिया है. पुल की वर्तमान स्थिति दयनीय हो गई है. दोषपूर्ण निर्माण के कारण पुल की सरिया पांच साल में ही बाहर आ गया है. ज्ञात हो कि पथ निर्माण विभाग के योजना के तहत स्टेशन से रामरेखाघाट तक करीब 4 करोड़ तीस लाख रूपये की राशि से सड़क का पक्कीकरण का कार्य कराया गया है. इसके साथ ही ज्योति प्रकाश स्थित पुल का निर्माण कराया गया है. वहीं इसके साथ ही नगर के अति महत्वपूर्ण जेल पइन रोड के मुहाने पर एक पुलिया का भी निर्माण कराया गया है. जो ध्वस्त हो गया है. जिससे आवागमन प्रभावित हो गया है. चार पहिये वाहनों का संचालन काफी खतरनाक हो गया है. इस क्रम में कई चार पहिया वाहन भी इस पुलिया में हादसा का शिकार हो गया है. अवशेष रूप में बचे कुछ पुलिया से कभी भी जेल पइन के मुहाने पर हादसा हो सकता है. इस टूटी पुलिया से प्रतिदिन विद्यालय की बसों के साथ ही अन्य नीजी छोटे वाहन संचालित हो रहे है. जबकि इस पुलिया से होकर बड़े वाहनों का संचालन प्रभावित हो गया है. बड़े वाहनों को इस पांच वर्ष पूर्व बने जर्जर पुलिया से गुजरना मुश्किल कार्य हो गया है. पुलिया का कंक्रीट नाला में धाराशायी हो गया है. नाला पर बने पुलिया पर अवशेष के रूप में केवल सरिया ही बचा हुआ है. जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. वहीं सोमवार को विभागीय स्तर पर मिट्टी डालकर छोटे वाहनों के संचालन के लिए सुचारू बनाया गया है. जिससे कभी भी यह पुलिया बड़ी घटना का गवाह बन सकता है.
सोन नहर पर बने पुल के निर्माण पर उठने लगे है सवाल
नगर के स्टेशन से रामरेखाघाट को जोड़ने के लिए सड़क की चौड़ीकरण के साथ ही पुल एवं पुलिया का निर्माण कराया गया है. पुल निर्माण के पांच साल बाद ही दम तोड़ने लगा है. पुल में उपयोग किया गया सरिया बाहर आ गया है. जो पुल की गुणवत्ता पर सवाल उठा रहा है. पुल के दोनों तरफ सरिया बाहर आ गया है. जो पुल की घटिया व दोषपूर्ण निर्माण की पोल खोल रहा है. वहीं इससे ठीक पचास गज की दूरी पर नाला पर बनी पुलिया लगभग 70 प्रतिशत भाग में ध्वस्त हो गया है. तीस प्रतिशत के माध्यम से छोटे व विद्यालयों के वाहन संचालित हो रहे है. जिससे कभी भी दुर्घटना से इंकार नहीं किया जा सकता है.
टूटी पुलिया में फंसा ट्रैक्टर
जेल पइन के मुहाने पर निर्मित पुलिया पर कई बड़ी दुर्घटना होने से बच गई है. दो दिन पूर्व मवेशी लदी पिकअप पार करने के दौरान पुलिया में फंस गया था. जिसे खाली करने के बाद जेसीबी के माध्यम से बाहर निकाला गया. पिकअप पुलिया में उपयोग किये गये सरिया पर ही लटक गया था. जिससे बड़ा हादसा टल गया. वहीं सोमवार को विभागीय स्तर पर सड़क पर यातायात सुचारू बनाने के लिए मिट्टी सुरक्षित व शेष बची पुलिया पर डाला गया. इसके कुछ देर बाद ही एक ट्रैक्टर पर करने के दौरान पुलिया में फंस गया. जिसे निकालने की जद्दोजहद किया जा रहा है. पुलिया काफी जर्जर हो गया है. यदि चार पहिया वाहनों के संचालन को नहीं रोका गया तो कभी भी पुलिया बड़ा हादसा का गवाह बन सकता है.
कहते हैं अधिकारी
पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता बक्सर से इस संबंध में कहा कि अभी तो इस पद पर योगदान किए ही हैं. मामले की जांच कराएंगे, दोषी पाए जाने पर संवेदक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. रंजीत कुमार, कार्यपालक अभिंयता, पथ निर्माण विभाग बक्सर
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