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नगर निगम के कई मुहल्लों में जलजमाव व गंदगी बनी स्थायी समस्या, लाेग परेशान

छपरा शहर के दर्जनों मुहल्लों में जलजमाव व गंदगी स्थायी समस्या बनी हुई है. कई मुहल्ले तो ऐसे हैं जहां विगत पांच साल से जलनिकासी के इंतजाम नहीं किये गये हैं. इस कारण यहां के लोगों को काफी परेशानी से गुजरना पड़ता है.

छपरा

शहर के दर्जनों मुहल्लों में जलजमाव व गंदगी स्थायी समस्या बनी हुई है. कई मुहल्ले तो ऐसे हैं जहां विगत पांच साल से जलनिकासी के इंतजाम नहीं किये गये हैं. इस कारण यहां के लोगों को काफी परेशानी से गुजरना पड़ता है. सात साल पहले जब छपरा को नगर निगम का दर्जा मिला था, तब लोगों को यह उम्मीद थी कि शहर में ड्रेनेज सिस्टम का विकास होगा. वहीं, ऐतिहासिक खनुआ नाले का भी मेंटेनेंस कराया जायेगा. हाल के दिनों में खनुआ नाले के कुछ हिस्सों का जीर्णोद्धार तो हुआ, लेकिन अब भी दर्जनों जगहों पर इस नाले की कनेक्टिविटी बंद होने के कारण शहर में जलनिकासी एक बड़ी समस्या बनी हुई है. हालांकि विगत एक सप्ताह से नगर आयुक्त सुमित कुमार के निर्देश पर कई इलाकों में नालों की उड़ाही युद्ध स्तर पर करायी जा रही है. उसके बावजूद कुछ मुहल्लों में स्थायी रूप से जलजमाव की समस्या बनी हुई है. लोग परेशान हैं. नगर निगम द्वारा गठित सिटी स्क्वायड व क्यूआरटी से लोगों ने शिकायत भी की है.

सरकारी बाजार में 15 वर्ष से बनी है स्थायी समस्या : शहर के सरकारी बाजार इलाके के आसपास के मुहल्लों में विगत एक दशक से जलजमाव की स्थायी समस्या बनी हुई है. यहां सरकारी बाजार, तिनकोनिया मोड़, मौना चौक, भरत मिलाप चौक, बानगंज, दलदली बाजार आदि जगहों पर हल्की सी बरसात में भी घुटने भर पानी जमा हो जाता है. क्योंकि, इस इलाके से होकर गुजर रहे खुलवा नाले की सफाई में उदासीनता बरती जाती है. मौना व सरकारी बाजार रोड से गुजर रहे खनुआ नाले में कचरा भरा हुआ है जिस कारण बरसात का या नाले का पानी यहां से नहीं निकल पाता है.

भगवान बाजार थाना रोड के नहीं सुधर रहे हालात : शहर के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित भगवान बाजार थाना रोड में सालों भर जलजमाव लगा रहता है. थाना रोड में मौजूद धर्मनाथ धनी द्वार से लेकर भगवान बाजार थाना के बीच विगत कई माह से नालों की उड़ाही नहीं हुई है. इस रूट से होकर ही ऐतिहासिक धर्मनाथ मंदिर तक श्रद्धालु जाते हैं. वहीं इस मुहल्ले में ही करीब दो दर्जन निजी शिक्षण संस्थान तथा शहर के प्रमुख चिकित्सकों का क्लीनिक भी मौजूद है. इस इलाके में रहने वाले 200 से अधिक घरों के लोग बरसात हो या सामान्य दिन हमेशा जलजमाव के बीच संघर्ष करते रहते हैं. कई बार लोगों ने इसकी शिकायत भी नगर निगम में की. लेकिन उनकी कोई सुन नहीं रहा है.

बजरंग नगर में नहीं हैं निकासी के इंतजाम : शहर का बजरंग नगर शिक्षा के हब के रूप में जाना जाता है. यहां विगत एक दशक में 150 से ज्यादा कोचिंग संस्थान खुली हैं. वहीं करीब 15 प्राइवेट स्कूल भी इसी इलाके में मौजूद हैं. रोजाना पांच से 10 हजार छात्र-छात्राएं इस इलाके में पढ़ने आते हैं. लेकिन इन छात्रों को जलजमाव से होकर गुजरने की मजबूरी बनी हुई है. साल में एक से दो बार ही इस इलाके में नाले की उड़ाही होती है. दो साल पहले यहां सड़क निर्माण भी कराया गया, लेकिन गैस पाइपलाइन बिछाने के नाम पर नयी सड़क को तोड़ दिया गया.

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