बलिया बेलौन. महानंदा नदी का जलस्तर सोमवार को बढ़ोतरी होने से बाढ़ का प्रकोप जारी है. दर्जनों गांव में खेत-खलिहान, सड़क बाढ़ का पानी से डूब गया है, बाढ प्रभावित लोगों ने बताया की जलस्तर में इसी तरह बढ़ोतरी जारी रही तो मंगलवार तक अधिकांश लोगों के दरवाजे में पानी प्रवेश कर जायेगा. सड़क में पानी बह रहा है. ऐसे में बाढ प्रभावित क्षेत्रों में यातायात का एक मात्र साधन नाव बचा है. सरकारी स्तर पर नाव की कमी होने से लोगों को सुरक्षित स्थानों तक आने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. क्षेत्र के सिकोड़ना, नाजीरपुर, अहमदपुर, सबनपुर, मंझोक, निस्ता, कुजीबना, जाजा, धनगावां, धपरसीया, चौकी, बेहरो, चौनी आदि गांव बाढ़ के चपेट में है. यहां से लोग पशुओं को ऊंचे स्थानों पर ले जाना शुरू कर दिया है. सड़कों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाने से आने जाने में परेशानी हो रही है. यातायात ठप होने से सब से अधिक परेशानी बुढ़े और बीमार लोगों को झेलनी पड़ रही है. रोज कमाने वाले मजदूरों को दो वक्त की रोजी रोटी का जुगाड करना मुश्किल हो गया है. बाढ़ का पानी घर को चारों ओर जमा रहने के कारण कच्चा भवन कभी भी ध्वस्त हो सकता है. जिला परिषद मुनतसीर अहमद, मुखिया संघ अध्यक्ष सह बेलौन मुखिया मेराज आलम, शेखपुरा मुखिया प्रतिनिधि एकबाल हुसैन, बीझारा मुखिया प्रतिनिधि इनायत राही, भौनगर मुखिया सत्यनारायण यादव, रिजवानपुर मुखिया तहमीद सद्दाम, तैयबपुर मुखिया मारूफ अहसन, बेनी जलालपुर मुखिया नाहीद आलम, मधाइपुर मुखिया असरार अहमद, चनदहर मुखिया रागीब शजर, निस्ता मुखिया अख्तर आलम, उनासो पचगाछी मुखिया हाजी एजाजूल हक आदि ने स्तर बढ़ने पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रभावित क्षेत्रों में नाव की व्यवस्था, सुखा राशन, प्लास्टिक, पशुओं का चारा उपलब्ध कराने की मांग जिला पदाधिकारी से की है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है