अभाविप का 76वां स्थापना दिवस समारोह आयोजित – मधेपुरा. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) एक प्रमुख छात्र संगठन है. इसकी स्थापना नौ जुलाई 1949 को कुछ गिने-चुने राष्ट्रवादी कार्यकर्ताओं द्वारा की गई थी, लेकिन 76 वर्षों में आज अभाविप न केवल भारत का, बल्कि विश्व का सबसे बड़ा छात्र-संगठन है. यह बात बीएनएमयू कुलसचिव डा विपिन कुमार राय ने कही. वे मंगलवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) का 76वां स्थापना दिवस-सह-राष्ट्रीय विद्यार्थी दिवस समारोह तथा नूतन-पुरातन कार्यकर्त्ता सम्मेलन का उद्घाटन कर रहे थे. कार्यक्रम का आयोजन ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय मधेपुरा के सभा भवन में किया गया. – राष्ट्रवादी चिंतन को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है अभाविप – कुलसचिव ने कहा कि अभाविप का गठन संघ कार्यकर्ता बलराज मधोक की अगुआई में की गयी थी एवं मुंबई के प्रो यशवंत केलकर इसके प्रथम अध्यक्ष थे. यह संगठन ज्ञान, शील एवं एकता के मंत्र को केंद्र में रखकर कार्य करता है और इसका मुख्य उद्देश्य राष्ट्रसेवा है. उन्होंने कहा कि छात्र-युवा पर ही राष्ट्र के नवनिर्माण एवं विकास की जिम्मेदारी है. छात्रशक्ति ही राष्ट्रशक्ति होती है. इसलिए अभाविप राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के लिए छात्रों में राष्ट्रवादी चिंतन को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है. अभाविप एकमात्र संगठन है, जो शैक्षणिक परिवार की अवधारणा में विश्वास रखता है. इसी कारण अभाविप के अध्यक्ष पद पर शिक्षक ही चुने जाते हैं. छात्र कार्यकर्ता शिक्षक के मार्गदर्शन में कार्य करते हैं. – छात्रों की उर्जा को सकारात्मक दिशा देता है अभाविप – ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय मधेपुरा के प्राचार्य प्रो कैलाश प्रसाद यादव ने कहा कि अभाविप छात्रों की ऊर्जा को सकारात्मक दिशा देता है. अभाविप द्वारा छात्रों में छुपी हुई विविध प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने वाली गतिविधियां आयोजित होती है. पूर्व प्राचार्य डा केपी यादव ने कहा कि अभाविप शैक्षणिक उन्नयन के साथ-साथ सामाजिक एवं सांस्कृतिक बदलावों के लिए भी कार्य करता है. कोरोना महामारी तथा भूकंप, सूनामी या बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं में अभाविप के कार्यकर्ताओं ने बढ़-चढ़कर मानवता की सेवा की है. – ज्ञान, शील एवं एकता के आदर्शों पर कार्य करता है अभाविप – अभाविप के प्रदेश उपाध्यक्ष डा विवेक कुमार ने कहा कि परिषद् ज्ञान, शील एवं एकता के आदर्शों पर कार्य करता है. सच्चरित्रता ही अभाविप कार्यकर्ताओं की सबसे बड़ी विशेषता है. मैथिली विभाग के पूर्व अध्यक्ष डा अमोल राय ने कहा कि अभाविप ने राष्ट्रीय पुनर्निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. संपूर्ण क्रांति आंदोलन समेत विभिन्न सामाजिक एवं गतिविधियों में भी अभाविप की अग्रणी भूमिका रही है. हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा सिद्धेश्वर काश्यप ने कहा कि अभाविप की राष्ट्रीयता वसुधैव कुटुंबकम् के आदर्शों से प्रेरित है. – अभाविप के निर्माण व विकास में योगदान – अभाविप के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रो ललन प्रसाद अद्री ने कहा कि मधेपुरा में अभाविप की गतिविधियां बढ़ी है. पहली बार वृहद पैमाने पर स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया है. आगे एक सप्ताह तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होगा. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए नगर अध्यक्ष डा सुधांशु शेखर ने कहा कि अभाविप के निर्माण एवं विकास में हजारों कार्यकर्ताओं ने अपना योगदान दिया है. स्थापना दिवस अपने पूर्वजों एवं अग्रजों के त्याग, तपस्या एवं बलिदान को याद करने व उनके बताये रास्तों पर चलने का संकल्प लेने का अवसर है. – गतिविधियों का वार्षिक प्रतिवेदन किया प्रस्तुत – कार्यक्रम का संचालन प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रंजन यादव एवं धन्यवाद ज्ञापन नगर मंत्री अंकित आनंद ने किया. वरिष्ठ कार्यकर्ता राजू सनातन ने मधेपुरा में अभाविप के गतिविधियों का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. कार्यक्रम के आयोजन में प्रदेश कार्यसमिति सदस्य आमोद आनंद, जिला प्रमुख दिलीप दिल, जिला संयोजक नवनीत सम्राट, विभाग संयोजक सौरभ यादव, संजीव सोनू, मेघा कुमारी आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
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