करौं . प्रखंड क्षेत्र में मंगलवार को माता विपदतारिणी की पूजा-अर्चना विभिन्न दुर्गा मंदिरों में धूमधाम से की गयी. पूजा में तेरह प्रकार के फल- फूल, तेरह प्रकार के मिष्ठान और तेरह प्रकार के कंद-मूल आदि के साथ पारंपरिक विधि विधान पूर्वक पूजा की गयी, जिसमें गोविन्दपुर सालतर, सिरिया, चांदचौरा, रानीडीह, कमलकर, डूमरतर, रान्हा आदि गांवों से आये सैंकड़ों महिलाओं ने विपदतारिणी देवी की कथा को पंडितों ने सुनायी व पूजा की महत्ता बतायी. पंडितों ने बताया कि मान्यता है कि माता विपदतारिणी की पूजा ध्यानपूर्वक करने पर किसी प्रकार के आपदा विपदा से छुटकारा मिट जाता है. इस अवसर महिलाओं ने तेरह दूब घास के गांठ के मंगल सूत्र अपने-अपने बांहों में बांधा तत्पश्चात् सुहागिनों ने एक दूसरे को सिंदूर लगाया. विदित हो कि करौं ग्राम के स्थानीय राय टोला स्थित विपदतारिणी मंदिर, आचार्य टोला दुर्गा मंदिर, कर्णेश्वर मंदिर, दे टोला दुर्गा मंदिर, सिंहवाहिनी मंदिर, मां चंडी मंदिर में विपद तारिणी पूजा के अवसर पर सुबह से व्रतियों का तांता लगा रहा. पूरे इलाके में विपदतारिणी के जय घोष से वातावरण भक्तिमय हो गया. मौके पर पंडित अरूप ओझा, रवि पूजारी, सरोज पुजारी, दिलीप पुजारी, आलोक आचार्य, आशीष आचार्य, उत्तम मुखर्जी, अमित ओझा, प्रकाश दत्त, गौतम चन्द्र, नंदन, दीपक सिंह, दिलीप ओझा, मुन्ना ओझा के अलावे दर्जनों स्वयंसेवक उपस्थित थे.
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