प्रतिनिधि, खलारी खलारी अंचल क्षेत्र में माॅनसून की बेरुखी से किसानों की चिंता दिनों दिन बढ़ती जा रही है. बारिश नहीं होने से खेती किसानी पर प्रतिकूल प्रभाव दिखने लगा है. ज्ञात हो कि 10 दिनों पूर्व जब बारिश हुई थी तो किसान धान का का बीज खेतों में लगाये थे. अब पानी के अभाव में उसे बचाने के लिए बार-बार सिंचाई करनी पड़ रही है. यदि ऐसा ही मौसम रहा तो समय पर धान की रोपाई नहीं हो सकती है. इसका असर धान के उत्पादन पर भी पड़ेगा. वहीं बारिश नहीं होने से कृषि केंद्र के दुकानदार भी चिंता में डूब कर बारिश होने का इंतजार कर रहे हैं. बताते चलें की बारिश के अभाव में किसान जून महीने के अंत तक धान का बीज भी खेतों में नहीं लगा पाये हैं. जुलाई महीना आज नौ दिन बीत चुका है, बावजूद अभी तक खेत और तालाब सूखे हुए हैं. इस कारण किसानों के मन में अनिश्चितता का भाव पैदा हो रहा है. अभी तक खेती शुरू करने लायक बारिश नहीं हुई है. जिससे खरीफ फसलों की बोआई तो दूर किसान खेतों की जुतायी भी नहीं कर पा रहे हैं. आद्रा नक्षत्र के पूर्व से ही आसमान में बादल सिर्फ़ उमड़-घुमड़ रहे हैं. लेकिन बारिश नहीं हो रही है. किसान सूखे की संभावना से सहमे हुए हैं. कृषि से जुड़े लोगों का मानना है कि आनेवाले दिनों में भी मॉनसून की यही स्थिति रही है तो किसानों के लिए एक बड़ी मुसीबत खड़ी हो सकती है. इधर किसान पंकज मुंडा, छोटू मुंडा, मनोज यादव, सुरेश यादव ने बताया की खेती एक महीना पिछड़ चुकी है. पूरा खेत खाली पड़ा है. यहां के किसान मॉनसून भरोसे खेती करते हैं. सिंचाई की कोई व्यवस्था नहीं है. किसान धान की खेती पर ही निर्भर रहते हैं. किसानों ने बताया कि अगर जल्द ही बारिश नहीं हुई तो रोजगार के लिए पलायन करना उनकी विवशता होगी.
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