भोरे. भोरे में बिजनेसमैन पर चली गोली के मामले में 12वें दिन आखिरकार पुलिस ने उनके बयान के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर ली. घटना का खुलासा जल्द ही होने का दावा कर रही पुलिस के पास अब तक कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा है. वहीं दूसरी तरफ पुलिस का यह कहना है कि प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है और जल्द ही अपराधियों के गिरेबान तक पुलिस के हाथ पहुंच जायेंगे. लखनऊ के अस्पताल में भर्ती घायल के बयान के आधार पर यह प्राथमिकी दर्ज की गयी है. चार जुलाई को लखनऊ के मेदांता अस्पताल में पुलिस पदाधिकारी लक्ष्मी नारायण महतो के द्वारा उनका बयान दर्ज किया गया था. इसके बाद कांड दर्ज करने में पांच दिन लगे. दुबई में रहकर अपना व्यवसाय करने वाले अरविंद सिंह भोरे के चर्चित व्यवसायी रहे स्व. रामाश्रय सिंह के चचेरे साले हैं. कहा यह जा रहा है कि दुबई में हुए रामाश्रय सिंह का कारोबार भी देखते हैं. लेकिन उन्होंने अपने बयान में यह स्पष्ट किया है कि यहां उन्हें किसी से कोई विवाद नहीं था. उन्हें क्यों गोली मारी गयी, इसकी बात उन्हें भी समझ में नहीं आ रही. फिलहाल एसपी स्वर्ण प्रभात के द्वारा गठित की गयी एसआइटी को कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा है. यह कह पाना मुश्किल है कि आखिर जब अरविंद सिंह यहां रहते नहीं थे, तो फिर उनकी किसी से क्या दुश्मनी थी. उन्हें गोली मारने के पीछे का मकसद क्या था. इन सब सवालों के जवाब पुलिस को तलाशने होंगे. घटना के खुलासे को लेकर हथुआ एसडीपीओ आनंद मोहन गुप्ता के नेतृत्व में गठित एसआइटी लगातार भोरे थानाध्यक्ष अनिल कुमार के साथ बिहार और यूपी के अलग-अलग ठिकानों पर छापामारी कर रही है. पुलिस टेक्निकल सेल के सहारे इस कांड की गुत्थी सुलझाने में लगी है. इस मामले में अब तक 15 लोगों को हिरासत में भी लिया गया था, जिन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया.
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