बोकारो. भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत बोकारो जिला में 13 विद्यालयों को पीएम श्री विद्यालय के रूप में चिन्हित किया गया है. इस योजना के तहत विद्यालय में सारी आधुनिक सुविधाएं प्रदान की जायेगी. साथ ही साथ मॉडल विद्यालय के रूप में विकसित किया जायेगा. योजना के तहत चयनित विद्यालयों में मूलभूत सुविधाएं बेहतर की जायेगी. नवीनतम तकनीकी स्मार्ट कक्षा खेल व आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर भी विकसित किया जायेगा. विद्यालय में सभी छात्रों के लिए एक सुरक्षित शैक्षिक वातावरण में समुचित साधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी. जबकि विद्यालयों में उपस्थिति बढ़ाने को लेकर बुनियादी साक्षरता, संख्या ज्ञान को भी प्रोत्साहित करने पर जोर दिया जायेगा ताकि विद्यालयों से ड्रॉप आउट में कमी लायी जा सके.
विद्यालयों को मॉडल बनाने के लिए मिलेंगे दो करोड़ रुपये
योजना को सफल बनाने के लिए झारखंड शिक्षा परियोजना बोकारो की ओर से चयनित स्कूलों के प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों का गैर आवासीय प्रशिक्षण दिया जा चुका है. एडीपीओ बोकारो ज्योति खलखो ने बताया कि पीएम श्री योजना के तहत विद्यालयों में स्मार्ट कक्षा, पुस्तकालय, कौशल प्रयोगशाला, खेल का मैदान, कंप्यूटर प्रयोगशाला, विज्ञान प्रयोगशाला, छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग आधुनिक शौचालय आदि सभी सुविधाएं प्रदान की जायेंगे. विद्यालयों को मॉडल बनाने को लेकर केंद्र सरकार की ओर से प्रत्येक वर्ष करीब एक से दो करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे.
इन विद्यालयों का हुआ चयन
राजकीयकृत एमएस बेरमो, यूपीजी राजकीयकृत हाइ स्कूल संडे बाजार, राजकीयकृत एमएस न्यू भागलपुर, यूपीजी राजकीयकृत हाइ स्कूल कोरिया, राजकीयकृत एमएस तेलो, पंचानन राजबाला प्लस टू हाइ स्कूल सतनपुर, राजकीयकृत एमएस माराफारी, यूपीजी राजकीयकृत एमएस भर्रा उर्दू, यूपीजी राजकीयकृत हाइ स्कूल धवैया, यूपीजी राजकीयकृत हाइ स्कूल बहादुरपुर, एसएस प्लस टू उच्च विद्यालय कसमार, यूपीजी राजकीयकृत हाइ स्कूल बिरनी व यूपीजी राजकीयकृत हाई स्कूल पतकी शामिल है.चयनित विद्यालयों के शिक्षकों ने कहा
चयनित विद्यालयों के शिक्षक मनोज झा, डॉ अवनीश कुमार झा, डॉ रीना कुमारी, गोपीनाथ महतो, गंगा राम, सुजाता कुमारी, कुमारी यशोदा, परमेश्वर बेसरा, रश्मि कुमारी वर्मा, फणीभूषण महतो, सुमिता अंजना कच्छप, सुनीता कुमारी, डोमन महतो आदि ने बताया कि ने बताया कि पीएम श्री योजना का उद्देश्य विद्यालयों में भौतिक और शैक्षणिक संसाधनों के अतिरिक्त विद्यालय के प्रति बच्चों और अभिभावकों में रुझान पैदा करना. साथ ही गुणवत्ता शिक्षा सभी बच्चों को प्राप्त हो और नयी शिक्षा नीति के सभी आयामों को लागू करना है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है