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राउरकेला एयरपोर्ट का विकास करने के लिए 300 करोड़ रुपये अनुदान दे सरकार

सचेतन नागरिक मंच राउरकेला के अध्यक्ष बिमल कुमार बिसी ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू को पत्र लिखकर उनका ध्यान आकर्षित कराया है. जिसमें राउरकेला एयरपोर्ट का विकास करने के लिये 300 करोड़ रुपये की अनुदान राशि प्रदान करने का अनुरोध किया गया है.

फ्लैग) राउरकेला सचेतन नागरिक मंच ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री को पत्र लिखकर कराया ध्यानाकर्षण , कहा

चित्र संख्या-05परिचय- राउरकेला एयरपोर्टप्रतिनिधि, राउरकेलाकेंद्र तथा राज्य में भाजपा की डबल इंजन की सरकार बनने के बाद राउरकेला एयरपोर्ट का सर्वांगीण विकास, आइएलएस की स्थापना, नये मार्गों पर विमान सेवा शुरु करने, रनवे का विस्तार, एएआइ को एयरपोर्ट का संपूर्ण मालिकाना प्रदान करना आदि मांगें तेज होने लगी हैं. इसे लेकर सामाजिक कार्यकर्ता तथा सचेतन नागरिक मंच राउरकेला के अध्यक्ष बिमल कुमार बिसी ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू को पत्र लिखकर उनका ध्यान आकर्षित कराया है. जिसमें राउरकेला एयरपोर्ट का विकास करने के लिये 300 करोड़ रुपये की अनुदान राशि प्रदान करने का अनुरोध किया गया है. केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री को लिखे गये इस खत में मंच की ओर से कहा गया है कि राउरकेला हवाई अड्डे का मालिकाना स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल), राउरकेला से भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (एएआइ) को हस्तांतरित किया जाना चाहिए ताकि बेहतर विकास और प्रबंधन की सुविधा मिल सके. अन्यथा ओडिशा सरकार को ओडिशा के अन्य नवनिर्मित हवाई अड्डों की तरह पहले इसका मालिकाना अपने हाथ में ले और फिर मालिकाना एएआई को हस्तांतरित करें. साथ ही कहा गया है कि टर्मिनल और हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे का विकास (लगभग 150 लोगों की बैठने की क्षमता वाले मानक टर्मिनल भवन के लिए, 40 करोड़ की आवश्यकता है)वहीं रनवे का विस्तार (वर्तमान में रनवे 1800 मीटर है, जिसे 800 मीटर तक बढ़ाया जाना चाहिए. अभी हवाई अड्डे के पास 143 एकड़ भूमि है. इसे 140 एकड़ भूमि की आवश्यकता है जो राउरकेला हवाई अड्डे के पूर्व में सेक्टर 13 क्षेत्र में उपलब्ध है, वर्तमान में रनवे केंद्र की चौड़ाई 65 मीटर है और इसे केंद्र से 150 मीटर तक बढ़ाया जाना चाहिए. इसमें खर्च का अनुमान लगभग 200 करोड़ है, जिसमें परिधि सड़क, नाली और सुरक्षा टावर शामिल हैं. हवाई जहाजों की रात में उतरने की सुविधा के लिये आइएलएस (जिसमें लोकलाइज़र और ग्लाइडर पथ शामिल हैं) इसकी लागत अनुमान लगभग 20 करोड़ है. आधुनिक नेविगेशन एड्स और सुरक्षा उपकरणों की स्थापना लागत अनुमान लगभग 20 करोड़ है. मंच ने विश्वास जताया है कि भाजपा की डबल इंजन सरकार की प्रतिबद्धता और समर्थन से राउरकेला हवाई अड्डा एक विश्व स्तरीय हवाई अड्डा बन सकता है, जो क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करेगा और राष्ट्र के विकास में योगदान देगा. हम भारत के विमानन क्षेत्र को बदलने के लिए आपके नेतृत्व और दृष्टिकोण पर भरोसा करते हैं और सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद करते हैं.

राउरकेला हवाई अड्डे का विकास निम्नलिखित कारणों से महत्वपूर्ण है.

– स्थानीय आबादी, उद्योगों और पर्यटकों के लिए बेहतर संपर्क. बेहतर हवाई संपर्क औद्योगिक विकास, पर्यटन और शैक्षिक आदान-प्रदान का समर्थन करेगा. यह स्थानीय व्यवसायों और उद्योगों को लाभ पहुंचाते हुए माल की तेज आवाजाही की सुविधा भी प्रदान करेगा. – ओडिशा अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है. बेहतर हवाई संपर्क राउरकेला और उसके आस-पास के पर्यटन को बढ़ावा दे सकता है, जिसमें वेदव्यास मंदिर, दार्जिलिंग और पास के खंडाधार जलप्रपात जैसे आकर्षण शामिल हैं. – क्षेत्रीय आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा-ओडिशा के दूरदराज के क्षेत्रों तक बेहतर पहुंच- हवाई यातायात और राजस्व सृजन में वृद्धि- एक उन्नत हवाई अड्डा चिकित्सा आपात स्थिति और आपदा प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के रूप में काम कर सकता है, जिससे रोगियों और राहत सामग्री का तेज़ परिवहन हो सकता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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