लोगों को सुरक्षा प्रदान करने वाले पुलिस अधिकारी व जवान इन दिनों खुद ही जर्जर भवन में रहकर असुरक्षित हैं. मामला घोड़थंभा ओपी की है. इस ओपी में प्रभारी समेत दर्जनों अफसर व जवानों की जिंदगी सांसत में गुजर रही है. जबकि प्रतिदिन सैकड़ों लोगों की आवाजाही ओपी में लगातार जारी रहती है. ओपी भवन, सिरिस्ता कक्ष, हाजत, जवानों के रहने वाले आवास सभी भवन पूरी तरह बदहाल और करीब-करीब धंस चुके है. इन्हीं हालातों में सभी प्रक्रियाएं संचालित होती हैं. तेरह पंचायत के 91 गांवों की करीब सवा लाख की आबादी को सुरक्षा देने वाले पुलिस अधिकारी खुद के जिंदगी को दांव में लगा कर रहने को मजबूर हैं. बता दें कि घोड़थंभा ओपी की स्थापना (2019) के छह वर्ष बीत गए. लेकिन, इसे अपना भवन नहीं मिला. ओडी कक्ष जहां वर्षों पूर्व बने स्वास्थ्य केंद्र में संचालित है. वहीं सिरिस्ता, प्रभारी कार्यालय और हाजत वाचनालय भवन जबकि जवानों के रहने का आवास पैक्स भवन में है. इन तीनों भवनों को अवस्था वर्तमान में काफी खस्ताहाल और है. जबकि यहां लोगों की सबसे ज्यादा भीड़ होती है. ओडी कक्ष आधा धंस चुका है बाकी का आधा हिस्सा कभी भी धंस सकता है और भविष्य में बड़ी घटना को अंजाम दे सकता है. इस संबंध में ओपी प्रभारी विभूति देव ने बताया कि भवनों की वस्तु स्थिति की जानकारी वरीय अधिकारियों को दी गयी है. फिलहाल जब तक वरीय अधिकारियों का निर्देश और भवनों का वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हो जाता तब तक कार्य करने को मजबूर हैं.
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