:: एमबीए छात्रा यशी सिंह का अपहरण कांड
शहर की चर्चित एमबीए छात्रा यशी अपहरण कांड का सुराग लगाने के लिए सीआइडी (अपराध अनुसंधान विभाग) की टीम लगातार प्रयास कर रही है. अहियापुर थाने में डीबीआर नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी के अधिकारियों पर केस करने वाली सारण जिले की युवती के घर पर सीआइडी की टीम पहुंची. सीआइडी को आशंका है कि यशी को भी नौकरी का बहुत शौक था. अहियापुर में जो मामला हुआ, उसमें नौकरी के नाम पर लड़कियों को जाल में फंसा गया. अपहृत एमबीए छात्रा यशी सिंह को भी नौकरी करने का बहुत शौक था. कहीं वह तो इस जाल में नहीं न फंसी है. सीआइडी के अधिकारी युवती के घर पर करीब एक घंटे से अधिक समय तक रुकी थी. युवती को यशी सिंह का फोटो भी दिखाया. लेकिन, युवती ने उसको नहीं देखने की बात कही. इसके बाद सीआइडी ने युवती के भाई से भी पूछताछ की है. हालांकि, यशी के बारे में दोनों भाई बहन से पूछताछ में कुछ भी जानकारी नहीं मिल पायी है. सीआइडी के अधिकारियों की ओर से सारण की युवती या उसके भाई से पूछताछ को लेकर आधिकारिक पुष्टि नहीं की गयी है.
जानकारी को कि सदर थाना क्षेत्र के भगवानपुर से 12 दिसंबर 2022 को एमबीए की छात्रा यशी सिंह गायब हो गयी थी. मामले में उसके नाना राम प्रसाद राय के बयान पर अपहरण की धारा में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. प्राथमिकी दर्ज होने के एक साल बाद भी पुलिस यशी सिंह को नहीं खोज पायी. यशी सिंह के सोशल मीडिया अकाउंट एक्टिव करके हैंडल करने के मामले में पुलिस दो महिलाओं को गिरफ्तार करके जेल भेजी थी. इसके अलावा एक संदिग्ध को थाने पर लाकर पूछताछ की थी. इसके बाद भी यशी का कुछ सुराग नहीं मिला तो उसके परिजनों ने हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. इस बीच जिला पुलिस से यह केस को सीआइडी को ट्रांसफर कर दिया गया. पहले जिला पुलिस की ओर से यशी सिंह की बरामदगी में सहयोग करने वाले या इसकी सूचना देने वाले के लिए 50 हजार इनाम घोषित किया था. लेकिन, सीआइडी ने उसको बढ़ाकर तीन लाख रुपये कर दिया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है