कटिहार. पुरानी पेंशन की मांग को लेकर एनएफ रेलवे इंप्लाइज यूनियन का विरोध प्रदर्शन जारी रहा. इंप्लाइज यूनियन ने श्याम कुमार ट्रैक-मेंटेनर के देहांत को लेकर दुख व्यक्त करते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए एक मिनट का मौन रखा. तदुपरांत भारत सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन मार्च निकालते हुए एनपीएस का पुतला दहन किया. पुरानी पेंशन नीति को बहाल करने को लेकर यह प्रदर्शन मार्च इंप्लाइज यूनियन मंडल कार्यालय से निकलकर रेलवे के विभिन्न कॉलोनियों से गुजरते हुए डीआरएम कार्यालय परिसर में सभा में तब्दील हुई. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने भारत सरकार पर हमला बोलते हुए नई पेंशन नीति को समाप्त कर पुरानी पेंशन नीति बहाल करने का जोरदार नारा दिया.
नयी पेंशन नीति करें समाप्त नहीं तो होगा उग्र आंदोलन
इस मौके पर मंडल सचिव रुपेश कुमार ने बताया की नई पेंशन नीति 2004 से रेल कर्मचारियों के बीच लागू किया गया. तभी से एनएफ़ रेलवे इंप्लाइज यूनियन व एनएफ़आईआर इसका पुरजोर विरोध कर रही है. जब तक पुरानी पेंशन नीति सभी रेल कर्मचारियों को भारत सरकार द्वारा नहीं दी जाती तब तक एनएफ रेलवे इंप्लाइज यूनियन उग्र आंदोलन करने को वचन बद्ध है. एनएफ़ रेलवे इंप्लाइज यूनियन निरंतर रूप से नई पेंशन नीति के विरोध में लगी हुई है.हमारे वोट से जीतने वाले राजनेता को आजीवन पेंशन, कर्मचारियों को निराश
मंडल अध्यक्ष मनीष कुमार ने बताया कि राजनेता उसी दिन के लिए गद्दी पर आते हैं और हमारे ही वोट से जीत कर आजीवन पेंशन का लाभ उठाते हैं. केंद्रीय कर्मचारियों को पेंशन देने में वर्तमान सरकार को दर्द हो रही है. जिसका परिणाम वर्तमान सरकार को बीते चुनाव में भुगतना पड़ा था और आने वाले चुनाव में भी इसको भुगतना पड़ेगा. इस मौके पर केंद्र के नेता दिनेश पासवान ने बताया कि जब भी रेल कर्मचारी एवं उनके परिजन पर विपत्ति आई है. एनएफ रेलवे इंप्लाइज यूनियन ही साथ खड़ा मिला है. वर्तमान में बहुत सारी संगठन रेल कर्मचारियों के बीच आने का काम कर रही है. जो कि कभी उनके साथ दुख की घड़ी में खड़ी नहीं हुई है और अभी दोहरी नीति के साथ रेल कर्मचारियों का भविष्य के साथ वह खिलवाड़ करने का काम कर रही है. सभी रेल कर्मचारियों को मूलभूत सुविधाओं के साथ-साथ पुरानी पेंशन नीति दिलवाने का काम सिर्फ और सिर्फ एनएफ़ रेलवे इंप्लाइज यूनियन ही करेगी. केंद्र के नेता रजनीश कुमार ने बताया कि जब-जब न्यू पेंशन नीति के खिलाफ आवाज़ उठाई गई है. एकमात्र एनएफ रेलवे इंप्लाइज यूनियन और एनएफआईआर ही अपनी आवाज़ बुलंद की है.नयी पेंशन नीति है अभिशाप
इंप्लाइज यूनियन के पदाधिकारी ने एक सुर में कहा कि नई पेंशन नीति एक अभिशाप है. जब तक यह रेल से समाप्त नहीं होगा. तब तक चाहे केंद्र में किसी की भी सरकार हो उस सत्ताधारी सरकार के विरोध में एनएफ़ रेलवे एम्प्लॉयज़ यूनियन अपनी आवाज़ बुलंद करती रहेगी. संगठन की एक सूत्री मांग है की रेल कर्मियों को पुरानी पेंशन देनी होगी.दूसरे संगठन भी अब उठा रहे पुरानी पेंशन की मांग
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे कर्मचारी संघ के सर्वश्रेष्ठ नेता उमरावमल पुरोहित ने नई पेंशन नीति को लेकर कहा कि सरकार रेल कर्मचारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है. वर्तमान समय में दूसरे संगठनों के द्वारा रेल कर्मचारियों के बीच पुरानी पेंशन नीति की मांग की जाने लगी है. इस तरह से दूसरे संगठन के द्वारा रेल कर्मचारियों के साथ दुभेदी नीति अपना रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है