कोलकाता. जादवपुर यूनिवर्सिटी में पीएचडी प्रवेश सूची में नियमों का उल्लंघन किया गया है. इस तरह की शिकायत आने के बाद छात्रों ने मंगलवार शाम से धरना-प्रदर्शन कर दिया. इन छात्रों ने वाइस चांसलर के कक्ष के सामने धरना दिया और उनका घेराव करने की कोशिश की. छात्रों के विरोध के कारण जादवपुर के इंटरनेशनल रिलेशंस (आइआर) विभाग में पीएचडी में दाखिला फिलहाल निलंबित कर दिया गया है. आरोप है कि एसएफआइ के एक पूर्व नेता को गैरकानूनी तरीके से विशेषाधिकार दिये गये हैं. जादवपुर विश्वविद्यालय में आइआर विभाग में पीएचडी प्रवेश बंद कर दिया गया है. छात्रों के हंगामे के बाद अधिकारियों ने इंटरनेशनल रिलेशंस विभाग की प्रवेश सूची को निलंबित करने का निर्णय लिया है. बताया जाता है कि मंगलवार को विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने इंटरनेशनल रिलेशंस विभाग में पीएचडी प्रवेश के लिए एक मेरिट सूची जारी की. सूची जारी होने के बाद मामला गरमा गया. छात्रों के एक समूह ने आरोप लगाया कि नियमों का उल्लंघन कर सूची निकाली गयी है. उन्होंने कुलपति भास्कर गुप्ता का घेराव कर प्रदर्शन किया. छात्रों की शिकायत है कि उस सूची में पूर्व एसएफआइ नेता का नाम शामिल था. विश्वविद्यालय के एक जाने-माने चेहरे, पूर्व एसएफआई नेता को गैरकानूनी तरीके से विशेषाधिकार दिया गया है. इस आरोप के साथ कई छात्र संगठनों ने अरविंद भवन में कुलपति का घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया. कुलपति आधी रात तक विश्वविद्यालय में फसे रहे. कथित तौर पर इन दो वर्षों 2023 और 2024 में पूर्व एसएफआई नेता का नाम इंटरनेशनल रिलेशंस विभाग की पीएचडी प्रवेश सूची में देखा जा सकता है. आरोप था कि योग्यता न होने के बावजूद उन्हें प्रवेश दिया गया. आरोप है कि प्रभाव फैलाकर ही उस शख्स को पीएचडी का मौका मिला. इसके बाद अधिकारी सकपका गये और दाखिले में निलंबन की घोषणा की. विशिष्ट कमेटी गठित की गयी है. बुधवार को विश्वविद्यालय (जादवपुर विश्वविद्यालय) के अधिकारियों ने नोटिस जारी कर इंटरनेशनल रिलेशंस विभाग में पीएचडी प्रवेश अनिश्चित काल के लिए निलंबित कर दिया गया है. माना जा रहा है कि नयी सूची जारी होगी.
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