12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

श्रावणी मेले की जारी सूची में मटेश्वरधाम का नाम नहीं रहने से बढ़ी नाराजगी

नाम जोड़ने के लिए राजस्व द भूमि सुधार मंत्री को संघ ने किया पत्र प्रेषित

नाम जोड़ने के लिए राजस्व द भूमि सुधार मंत्री को संघ ने किया पत्र प्रेषित सिमरी बख्तियारपुर . मिनी बाबाधाम के नाम से ख्याति प्राप्त बाबा मटेश्वरधाम मंदिर पुरातात्त्विक धार्मिक व पर्यटन की दृष्टिकोण से अतिमहत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है. बावजूद राज्य सरकार के राजस्व व भूमि सुधार विभाग की ओर राज्य के विभिन्न जिलों में श्रावणी मेला के निमित्त कांवरियों की सुख-सुविधा के लिए पांच करोड़ 46 लाख 86 हजार रुपए जारी किये गये. जिस सूची में राज्य भर के 15 जगहों पर होने वाली श्रावणी मेला का नाम शामिल है. जबकि मटेश्वरधाम श्रावणी मेला का नाम चिट्ठी से गायब है. जिसको लेकर मटेश्वरधाम डाक कांवरिया संघ सहित क्षेत्रीय लोगों में काफी रोष व्याप्त है. बाबा मटेश्वरधाम डाक कांवरिया संघ अध्यक्ष सह श्रावणी मेला के जनक मुन्ना भगत ने राजस्व विभाग के मंत्री दिलीप जायसवाल को मेल के माध्यम से पत्र प्रेषित कर राजस्व विभाग की ओर से जारी सूची में मटेश्वरधाम को भी प्राथमिकता के तौर पर शामिल करते राजकीय मेले का दर्जा देने की मांग की. सभी मापदंड को पूरा करता है मटेश्वरधाम बाबा मटेश्वरधाम मंदिर का रजिस्ट्रेशन राज्य सरकार के संस्था बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद द्वारा पंजीकृत है. बाबा मटेश्वरधाम मंदिर प्रत्येक वर्ष अपने आमद का कुछ हिस्सा सरकार को भी देती है. सावन महीने में लाखों कांवरिया शिवभक्त मुंगेर के छर्रापट्टी से उत्तरवाहिनी गंगाजल भरकर खगड़िया, मानसी, धमारा, कोपरिया, सिमरी बख्तियारपुर के दुर्गम रास्ते होकर पैदल मटेश्वरधाम पहुंचकर जलाभिषेक करते हैं. इस दौरान कांवरिया पथ पर सरकार की ओर से व्यवस्था नगण्य रहता है. कांवरिया संघ सचिव शिवेंद्र पौद्दार, बमबम गुप्ता, मीडिया प्रभारी कृष्ण कन्हैया, सिकेंद्र साह, विनोद साह, दीपक सिंह ने कहा कि सरकार हमेशा की तरह इस बार भी मटेश्वरधाम के प्रति राज्य सरकार का उदासीन रवैया एक बार फिर से सामने आया है. राजस्व विभाग की सूची में मटेश्वरधाम को शामिल नहीं किया जाता है तो वे सभी आंदोलन करने को बाध्य होंगे. सूची में सिंहेश्वर मंदिर को जोड़ा गया राजस्व विभाग की ओर से जारी सूची में मधेपुरा जिला स्थित सिंहेश्वर मंदिर का नाम भी नहीं जुड़ा था. लेकिन बाद मे जनप्रतिनिधि द्वारा एवं सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को उठाये जाने के बाद राजस्व मंत्री ने सिंहेश्वर मेला एवं बाबा विशुराउत धाम मेला को राजस्व आवंटित किया है. राजस्व आवंटन करने के लिए बाबा सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति अध्यक्ष सह डीएम ने भी राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को पत्र लिखा था. जिसके बाद राजस्व का आवंटन किया गया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें